भोपाल में 7 डॉक्टरों को एचआईवी संक्रमण लगने का खतरा

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मंगलवार की रात गांधी मेडीकल कॉलेज के हमीदिया अस्पताल में एक मरीज का हड्डी का ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के दौरान पांच जूनियर डॉक्टरों को कुछ चोटें लगीं और उनका खून सीधे मरीज के खून के सम्पर्क में आ गया। बाद में ड्रेसिंग करते वक्त दो अन्य जूनियर डॉक्टर्स को भी नुकीला औजार लग जाने से खून निकला। इसके बाद जब मरीज के खून की रिपोर्ट आई तो उसने सभी के होश उड़ा दिए क्योंकि वह एचआईवी और हेपेटाइटिस बी से ग्रस्त पाया गया।

मरीज के एचआईवी संक्रमित होने का खुलासा होने के बाद सातों जूनियर डाक्टरों को एंटी र्रिटोवायरल थैरेपी (एआरटी) केंद्र ले जाया गया। इतना ही नहीं उन्हें 'प्री प्रोफिलेक्सिस डोज' (संक्रमण निरोधक दवा) भी दी गई ताकि उन्हें सम्भावित खतरे से बचाया जा सके।

एआरटी केंद्र के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. हेमंत वर्मा ने गुरुवार को आईएएनएस को बताया कि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति का खून दूसरे व्यक्ति के सम्पर्क में आने पर संक्रमण फैलने का पूरा खतरा रहता है, मगर एक माह तक 'प्री प्रोफिलेक्सिस डोज' देने से इससे बचा जा सकता है। लिहाजा सातों जूनियर डॉक्टरों को डोज दी जा रही है और अब उन्हें किसी तरह का खतरा नहीं है। इन सातों जूनियर डॉक्टरों के स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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