असम में हिन्दी भाषियों की सुरक्षा की गारंटी ले पाएंगे चिदंबरम?
जी हां असम दौरे पर चिदंबरम के सामने यह सबसे बड़ा सवाल है और इसका सरोकार पूरे देश से है। हम आपको बता दें कि गत सोमवार को अलगाववादी संगठन नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के उग्रवादियों ने 14 हिन्दी भाषियों को एक साथ खड़ा कर गोलियों से भून डाला था। इसके अलावा 10 को अलग-अलग जगह मौत के घाट उतार दिया। यही नहीं एनडीएफबी ने यह ऐलान भी किया कि वो आगे भी ऐसा करते रहेंगे।
हालांकि हम आपको यह भी बता दें कि असम के उग्रवादी संगठनों से वार्ता के लिए केंद्र सरकार ने पीसी हलधर को वार्ताकार के रूप में नियुक्त किया है, लेकिन अभी तक संगठनों की ओर से वार्ता की कोई पेशकश नहीं हुई है। असम दौरे पर चिदंबरम राज्य के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई व उनकी कैबिनेट व सुरक्षा अधिकारियों से भी बातचीत करेंगे।
अब देखना यह है कि इस दौरे पर चिदंबरम असम के उग्रवादी संगठनों से एक बार फिर वार्ता का आग्रह करते हैं, या फिर राज्य पुलिस व केंद्रीय सुरक्षा बलों का संयुक्त अभियान छेड़ते हैं। यदि यह अभियान छेड़ा गया तो सरकार के लिए टेढ़ी खीर होगा, क्योंकि असम और अरुणाचल प्रदेश की सीमा से सटे जंगलों में छिपे उग्रवादियों को मार गिराना आसान नहीं होगा।