आदर्श सोसाइटी में परिवार का कोई सदस्य शामिल नहीं : चव्हाण (लीड-1)

By Staff
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मुख्यमंत्री का बयान ऐसे समय में आया है, जब राज्य सरकार ने आदर्श हाउसिंग सोसायटी को दिया गया कब्जा प्रमाणपत्र रद्द कर दिया है।

मीडियाकर्मियों को सम्बोधित करते हुए चव्हाण ने इस विवाद के पीछे किसी राजनीतिक कारण का संकेत दिया। उन्होंने कहा कि उनकी सासू मां को उस सोसायटी में उनकी योग्यता पर सदस्यता हासिल हुई थी।

चव्हाण ने उन आरोपों को खारिज कर दिया कि उनके परिवार के लोगों का इस सोसायटी में लगभग आधा दर्जन फ्लैट हैं। उन्होंने कहा कि कुछ दूर के रिश्तेदारों को छोड़ कर उनकी पत्नी या बेटियों के नाम उस सोसायटी में कोई फ्लैट नहीं है।

वे मदनलाल शर्मा और सीमा शर्मा हैं। उन्होंने कहा, "दूर के रिश्तेदार यदि योग्य हैं तो उन्हें फ्लैट न देने का कोई कारण नहीं बनता। सीमा शर्मा और मदनलाल शर्मा दूर के रिश्तेदार हैं। आज उन्होंने सूचित किया है कि उन्होंने सोसायटी से इस्तीफा दे दिया है।"

चव्हाण ने कहा कि दोनों ने सोसायटी की सदस्यता से अपना इस्तीफा दे दिया है और अपना पैसा वापस मांगा है।

चव्हाण ने कहा कि जहां तक उनकी सासू मां, भगवती मनोहरलाल शर्मा का सवाल है तो इस वर्ष के प्रारम्भ में उनका निधन हो चुका है।

जब यह पूछा गया कि एक फ्लैट एस.बी.चव्हाण के नाम से सूचीबद्ध है, तो मुख्यमंत्री ने तुरंत सवाल दागा कि उनके पिता एस.बी.चव्हाण, जो कि पांच वर्ष पहले ही गुजर चुके हैं? उन्होंने कहा, "इस नाम के कई सारे लोग हो सकते हैं।"

चव्हाण ने जल्दबाजी में अपने सरकारी आवास वर्षा में बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में कहा, "इस्तीफे का कोई सवाल ही नहीं उठता। सीबीआई मामले की जांच कर रही है। मैं इस जांच के निर्णय के लिए केंद्र सरकार का स्वागत करता हूं। सीबीआई को अपनी रिपोर्ट तैयार करने दीजिए। मैं इस्तीफा क्यों दूं? जहां तक इस मामले में मेरा नाम खीचे जाने का सवाल हैं तो यह राजनीति से प्रेरित है।"

ज्ञात हो कि दक्षिण मुम्बई की विवादास्पद आदर्श को-आपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी में फ्लैट खरीदने वाले सरकारी कर्मचारियों के 'धन के स्रोत' की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर रही है।

सीबीआई के संयुक्त निदेशक (पश्चिमी क्षेत्र) ऋषिराज सिंह ने बताया, "जांच का उद्देश्य इन फ्लैटों को खरीदने में धन लगाने वाले 'सरकारी कर्मचारियों' की आय के स्रोत का पता लगाना है।"

यह मामला केंद्र की सत्ता के गलियारों तक पहुंचने के बाद सीबीआई ने मामले की जांच शुरू की। सिंह के अनुसार इस मामले में 'सरकारी कर्मचारियों' का जवाब आना अभी बाकी है।

इस मामले में राजनेताओं की भूमिका के बारे में पूछने पर सिंह ने सिर्फ इतना कहा, "मैंने सरकारी कर्मचारियों से कह दिया है।"

कुछ रिपोर्टों के मुताबिक ये फ्लैट कोलाबा स्थित 32 मंजिली मुख्य इमारत में हैं जो पश्चिमी नौसेना मुख्यालय के नजदीक है। इन फ्लैटों की कीमत 60 लाख रुपये तक है। मौजूदा बाजार मूल्यों के अनुसार इनकी कीमत आठ करोड़ रुपये तक है।

उल्लेखनीय है कि सोसाइटी के सदस्यों में कई सेना के पूर्व जनरल, रक्षा अधिकारी, नौकरशाह या उनके रिश्तेदार, राजनेता या उनके सगे-सम्बंधी एवं अन्य शामिल हैं।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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