इंडोनेशिया में सुनामी से मरने वालों की संख्या 311 पहुंची
4,000 बेघर
भूकंप के झटकों और समुद्र में ऊंची लहरों के कारण कम से कम 4,000 ग्रामीण बेघर हो गए हैं। उन्हें अस्थायी शिविरों में भेजा गया है। पश्चिमी सुमात्रा प्रांत की राजधानी पडांग स्थित आपदा प्रबंधन एजेंसी के अधिकारी फेब्री के अनुसार सुनामी की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
अधिकारी ने बताया कि पगई उतारा और पगई सेलातन जिलों में ज्यादातर मौतें हुई हैं, जहां सोमवार को आए भारी भूंकप के कारण तीन मीटर ऊंची लहरें उठ रहीं थीं। इसमें 10 गांव तबाह हो गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.7 मापी गई।
10 घंटे से ज्यादा
आपदा प्रबंधन के मुताबिक अतिरिक्त राहत कर्मी और सहायता मेंतवई भेज दिया गया है, जिन्हें नाव से पहुंचने में 10 घंटे से अधिक का समय लगेगा।
एंतोरिजन ने कहा कि मेंतावई प्रांत में बुधवार दोपहर तक 400 से अधिक लोगों के लापता होने की जानकारी मिली है। 500 से अधिक परिवार बेघर हुए हैं और अस्थायी तौर बने शिविरों में रह रहे हैं।
पूर्वी सुमात्रा के गवर्नर इरवान सुप्रियंतो ने कहा कि खराब मौसम के कारण द्वीप पर सहायता भेजने में दिक्कत हो रही है। उन्होंने कहा, "हमें बड़े पोत की जरूरत है। समुद्र में पांच मीटर ऊंचाई तक उठने वाली भारी लहरों के कारण छोटी नावें आगे नहीं बढ़ पा रही हैं।"
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि भूकंप के कूछ मिनट बाद आई सुनामी के कारण द्वीप के भीतर 600 मीटर तक लहरें पहुंच रही थीं। इसकी वजह से सैकड़ों घर, पूजा स्थल और पुल या तो बह गए या क्षतिग्रस्त हो गए हैं। बेटूमोंगा गांव में 80 फीसदी घर नष्ट हो गए और कई लोग लापता हैं, जिनके मरने की आशंका बनी हुई है।