अनुशासनात्मक समिति पर मोदी और बोर्ड में समझौता नहीं (लीड-1)
मोदी के वकील राम जेठमलानी ने बुधवार को न्यायालय को यह जानकारी दी। जेठमलानी ने बताया कि भरसक प्रयास करने पर भी समझौते की कोशिशें नाकाम रहीं। मामले की सुनवाई अब 11 नवम्बर को होगी।
न्यायालय ने आईपीएल के आयोजन के दौरान वित्तीय अनियमितता के आरोपों की सुनवाई के लिए गठित अनुशासनात्मक समिति के पुनर्गठन के लिए 21 अक्टूबर को बीसीसीआई और मोदी को छह दिन का समय दिया था।
बीसीसीआई और मोदी को बुधवार को न्यायालय को यह सूचित करना था कि उनमें इस बारे में कोई समझौता हो सका या नहीं। न्यायालय ने यह कहा था कि दोनों पक्षों में सहमति नहीं बनने पर वह इस मामले की सुनवाई शुरू करेगी। बीसीसीआई ने बीते बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय से कहा था कि इस समिति का पुनर्गठन संभव नहीं है।
बीसीसीआई ने यह बात मोदी की याचिका पर सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति जे.एम.पांचाल और न्यायमूर्ति ज्ञान सुधा मिश्रा की पीठ द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में कही थी। बीसीसीआई ने कहा था कि वह अनुशासनात्मक समिति का पुनर्गठन नहीं कर सकती। इसमें बहुत देर हो चुकी है।
न्यायालय ने बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर के अनुशासनात्मक समिति से हटने की ओर इंगित करते हुए इस बात पर हैरत जताई थी कि एक अन्य सदस्य को बदलते हुए समिति का पुनर्गठन भला क्यों नहीं किया जा सकता?
अदालती कार्रवाई के बीच बीते बुधवार को ही यह अफवाह सामने आई थी कि समिति के पुनर्गठन को लेकर बीसीसीआई ने मोदी के साथ समझौता किया है लेकिन बीसीसीआई ने उसी दिन इसको नकार दिया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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