उड़ीसा में बीमारियों की आमद जारी, अब मलेरिया की बारी
भुवनेश्वर। उड़ीसा के रायगाड़ा जिले में अचानक मलेरिया के मामले बढ़ गए हैं। मलेरिया की चपेट में आने के कारण जनवरी से अभी तक 15 लोगों की जान जा चुकी है। जिले में इस साल अगस्त में हैजा और जलजनित बीमारियों के चलते 40 लोगों की मौत हो चुकी है। रायगाड़ा के जिलाधिकारी ने बताया, "पिछले कुछ हफ्तों में मलेरिया के मामले तेजी से बढ़े हैं।"
उन्होंने बताया कि हैजा और डायरिया (अतिसार) से निपटने के लिए प्रशासन द्वारा बनाए गए 22 स्वास्थ्य शिविरों और केंद्रों में मलेरिया के रोजाना औसतन पांच से सात मामले सामने आ रहे हैं। अब हैजा और डायरिया के मरीजों में कमी आने लगी है। उन्होंने कहा, "इसके पहले 30 से 40 मामले रोजना सामने आते थे, लेकिन अब इसके दो या तीन ही मामले देखे जा रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "अब नए खतरे के रूप में मलेरिया सामने आया है। गौरतलब है कि जिले के 11 प्रखण्डों में इससे पहले हैजा और जलजनित बीमारियों के चलते 40 लोगों की मौत हो चुकी है और 1500 लोग संक्रमण की चपेट में आए थे। प्रशासन ने हालात को संभालने के लिए 40 से अधिक चिकित्सकों और 100 से ज्यादा स्वास्थ्य अधिकारियों को तैनात किया है।"
राज्य स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि मलेरिया की चपेट में आने के कारण जनवरी से अभी तक 15 लोगों की जान जा चुकी है। उन्होंने बताया कि जुलाई में कम से कम 33398 लोगों के खून के नमूने जांच के लिए भेजे गए थे। इनमें मलेरिया के 5149 मामले सामने आए। अधिकारी ने बताया, "मलेरिया से 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो सकती है। कई नए गांव भी इसकी चपेट में हैं।"