उत्तराखण्ड में भारी बारिश और भूस्खलन से 50 की मौत
चार-धाम
यात्रा
स्थगित
समूचे
प्रदेश
में
बारिश
के
चलते
जनजीवन
अस्त-व्यस्त
हो
गया
है।
पिछले
चार
दिनों
से
राज्य
में
हो
रही
मूसलाधार
बारिश
के
चलते
प्रदेश
में
भारी
जन-जीवन
की
हानि
हुई
है,
राज्य
के
आपदा
एवं
प्रबंधन
विभाग
ने
बताया
कि
बारिश
के
कारण
राज्य
में
राष्ट्रीय
राजमार्ग
सहित
तमाम
सड़कें
भूस्खलन
एवं
बारिश
के
चलते
बंद
हैं,
प्रसिद्ध
चार-धाम
यात्रा
भी
स्थगित
है।
केंद्र ने बताया कि स्थानीय पुलिस प्रशासन के साथ आईटीबीपी व सीमा सड़क संगठन के लोग राहत कार्य में जुटे हुए हैं। राहत कार्य में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हरिद्वार में गंगा खतरे के निशान से 2 सेमी ऊपर बह रही है। प्रभावित गांव के लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए पुलिस प्रशासन को सेना की भी सहायता लेनी पड़ी है।
देहरादून में टूटा रिकार्ड
देहरादून में बारिश ने पिछले 40 सालों का रिकार्ड तोड़ दिया है। 1 जून से 20 सितंबर के बीच सन् 1966 में 2930 मिमी बारिश दर्ज की गई थी रविवार 19 सितंबर को बारिश 44 साल का रिकार्ड तोड़ते हुए 3000 मिमी का रिकार्ड पार कर दिया है।
जानकारी देते हुए राज्य मौसम केंद्र के निदेशक आनंद कुमार शर्मा ने बताया कि रविवार को भी सुबह 8.30 बजे से लेकर शाम 8.30 तक देहरादून में 68.2 मिमी बारिश दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि अगले 24 घंटों में भी सामान्य से अधिक बारिश होने के आसार है। जिससे गढ़वाल क्षेत्र अधिक प्रभावित होगा।
उत्तरकाशी में मूसलाधार बारिश का कहर जारी है, इसलिए हरिद्वार में खतरे के निशान से ऊपर बह रही गंगा के जलस्तर में फिलहाल कमी के आसार नहीं है। जिले में भूस्खलन के कारण 8 मकान ढह गए हैं।
कुमांऊ में तबाही
उत्तराखण्ड के तराई क्षेत्र में जिला उधमसिंह नगर में भी बाढ़ ने तबाही मचा रखी है। जिले के खटीमा और सितारगंज इलाके बाढ़ की सर्वाधिक चपेट में है। शनिवार को अल्मोडा में दो जगहों पर हुई बादल फटने की घटना में 26 लोग मारे गए हैं व 9 लोग अब भी लापता हैं।
इस घटना में 25 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। रविवार को नैनीताल जिले में बादल फटने की एक घटना में 11 जानें चली गई है और 3 लोग घायल हुए हैं जबकि इस घटना का शिकार एक व्यक्ति अभी भी लापता है।