झारखंड का राजनीतिक नाटक थमा, मुंडा ने गिराया पर्दा
अर्जुन मुंडा ने खुद राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में तीसरी बार शपथ ली है जबकि वह इस बार राज्य के आठवें मुख्यमंत्री बने हैं। मुंडा की अगुवाई में भाजपा, झामुमो और आजसू ने यह गठबंधन सरकार बनायी है। मुंडा के अलावा ऑल झारखण्ड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) के अध्यक्ष सुदेश महतो और झारखण्ड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के अध्यक्ष शिबू सोरेन के बेटे हेमंत सोरेन ने भी मंत्री पद की शपथ ली।
81 सदस्यीय राज्य विधानसभा में भाजपा और झामुमो के 18-18, आजसू के 5 और जनता दल (युनाइटेड) के 2 सदस्य हैं। दो अन्य निर्दलीय विधायकों के साथ मुंडा ने 45 विधायकों के समर्थन का दावा किया है। राज्यपाल ने मुंडा को शपथ ग्रहण के बाद बहुमत साबित करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। मुंडा 14 सितंबर को बहुमत साबित करेंगे।
गौरतलब है कि जमशेदपुर से सांसद मुंडा पहली बार 18 मार्च 2003 को और दूसरी बार 12 मार्च 2005 को राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। 15 नवम्बर 2000 को राज्य के गठन से लेकर अब तक किसी भी मुख्यमंत्री ने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया है।
शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी, वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली की अनुपस्थिति चर्चा का विषय रही। हालांकि इस मौके पर पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह, उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक सहित अन्य कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे।