सच होगा 'स्पाइडर मैन' बनने का सपना
शोधकर्ताओं ने रबड़ जैसा एक पदार्थ विकसित किया है जिसमें कई सूक्ष्म पॉलीमर तंतु होते हैं। एक छोटी छिपकली के शरीर की तरह इस पदार्थ में भी रेशे होते हैं। छिपकली उसके शरीर पर मौजूद नन्हे रेशों या बालों की मदद से ही दीवारों से चिपकी रहती है। ये बाल मानवीय बाल से 10 गुना पतले होते हैं।
वेबसाइट 'टेलीग्राफ डॉट को डॉट यूके' के मुताबिक शोधकर्ताओं द्वारा विकसित इस पदार्थ का बार-बार इस्तेमाल किया जा सकता है। एक रोबोटनुमा छिपकली 'स्टिकीबोट' पर इसका प्रयोग हुआ है। प्रयोग में देखा गया कि स्टिकीबोट कांच की दीवार पर भी चलने में सक्षम थी।
अब वैज्ञानिक मानव के लिए इस पदार्थ से ऐसी वस्तुएं बना रहे हैं जो उसे दीवारों पर चलने में मदद दे सकें। शोधकर्ताओं के दल का दावा है कि उनके द्वारा विकसित किया गया पदार्थ बहुत मजबूत है और इसे मानव के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है।