अनाज का सड़ना मंजूर, लेकिन मुफ्त में नहीं देंगे: पवार
सुप्रीम कोर्ट के गरीबों को मुफ्त अनाज बांटने के निर्देश की नाफरमानी करते हुए शरद पवार ने मीडिया के समक्ष गैरजिम्मेदाराना बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन करना मुश्किल है। सरकार किसी भी हालत में मुफ्त अनाज नहीं बांट सकती, हां सस्ती दरों पर गेहूं व चावल जरूर मुहैया करा सकती है।
शरद पवार ने कहा कि गरीबों के लिए अंत्योदय अन्न योजना पहले से ही चलाई जा रही है, जिसके अंतर्गत गेहूं 16 रुपए में खरीद कर 2 रुपए किलो की दर से बेचा जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सरकार यदि अनाज भंडारण ठीक तरह से नहीं कर पा रही है, तो गरीबों को मुफ्त में अनाज बांटे। अनाज सड़ने से तो अच्छा है किसी का पेट भर दे। खैर कुल मिलाकर आईसीसी के अध्यक्ष शरद पवार ने यह जता दिया कि उन्हें क्रिकेट के आगे किसानों की फिक्र नहीं है।
इस गैर जिम्मेदाराना बयान से यह साफ है कि कृषि मंत्री के पास अनाज को सड़ने से बचाने की भी कोई योजना नहीं है। क्योंकि अगर ऐसी कोई योजना होती तो मीडिया के समक्ष बढ़चढ़ कर बताते। उन्होंने यह तक नहीं सोचा कि किसान अपना खून-पसीना एक करते हैं, तब जाकर अनाज पैदा होता है।