भोपाल गैस त्रासदी : अर्जुन सिंह ने राजीव गांधी को क्लीन चिट दी
नई दिल्ली। बुधवार को राज्यसभा में भोपाल गैस त्रासदी पर हुई बहस के दौरान वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और हादसे के समय के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह ने इस मामले में पहली बार मुंह खोला। सिंह ने राजीव गांधी को क्लीन चिट देते हुए कहा कि उन्होने कभी भी एंडरसन से किसी भी तरह की संवेदना नहीं जताई। कांग्रेस ने सत्ता प्रतिपक्ष की नेता सुषमा स्वराज के सामूहिक हत्या के बयान को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भाजपा जब 6 साल तक सत्ता में रही तो उसने पुनर्विचार याचिका क्यों नहीं दाखिल की।
अर्जुन सिंह के इस बयान में अपनी पार्टी के बचाव की पूरी कोशिश दिखाई दी। अर्जुन सिंह ने जनता के गुस्से पर काबू करने के लिए बेहद कूटनीतिक बयान दिया। उन्होने कहा कि एंडरसन को सरकारी विमान से दिल्ली भेजना हमारी गलती थी लेकिन उसे कोई शारीरिक चोट ना पहुंचे इसका ध्यान रखना मेरी जिम्मेदारी थी। सिंह ने कहा कि इसलिए हमने उसके भोपाल पहुंचते ही उसे गिरफ्तार कर लिया और रेस्ट हाउस में नजरबंद रखा।
सिंह ने कहा, "यह मेरी जिम्मेदारी थी कि उसे कोई शारीरिक चोट न पहुंचे। मैं जानता था कि यदि वह लोगों के हाथों में पड़ गया तो लोग उसे सबसे करीब के खंभे पर लटका देंगे। मैं मानता हूं कि उसे सरकारी विमान से नहीं भेजा जाना चाहिए था" सिंह ने कहा कि 6 दिसंबर 1984 को राजीव गांधी जब भोपाल के दौरे पर आए थे तो उन्होंने अपने इस्तीफे की पेशकश की थी। लेकिन राजीव जी ने इस्तीफा लेने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि पीड़ित लोगों को राहत उपलब्ध कराना पहली प्राथमिकता है।"
सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जब नवम्बर महीने में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मिलेंगे तो उन्हें एंडरसन के प्रत्यर्पण के मुद्दे पर उससे बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा, "आज हमारी सरकार उसके प्रत्यर्पण को प्रतिबद्ध है।" कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि एंडरसन के देश से बाहर जाने या फिर उसका प्रत्यर्पण न हो पाने के लिए उनकी पार्टी की सरकार जिम्मेदार नहीं हैं। तिवारी ने कहा, "नेता प्रतिपक्ष (सुषमा स्वराज) कह रही हैं कि केंद्र में कांग्रेस की सरकारें एंडरसन का प्रत्यर्पण न करा पाने के लिए जिम्मेदार हैं। मैं कहना चाहता हूं कि भाजपा छह वर्षो तक सत्ता में रही लेकिन उसने इस बारे में कोई पहल क्यों नहीं की।"