गैस त्रासदी : भाजपा ने छोड़े अर्जुन पर तीर, चिदंबरम बोले चूक हुई (लीड-1)
इस मुद्दे पर सरकार को घेरने में जुटी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अर्जुन सिंह द्वारा भोपाल गैस त्रासदी के लिए तत्कालीन गृह मंत्री नरसिम्हा राव को दोषी ठहराने और तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी को क्लीन चीट दिए जाने की कड़ी आलोचना की।
चिदंबरम ने कहा कि भोपाल गैस त्रासदी को लेकर संसद और कार्यपालिका ने पूरी सक्रियता नहीं दिखाई और इस मामले को पूरी तरह न्यायपालिका पर छोड़ दिया। उन्होंने राज्यसभा में बहस के दौरान कहा, "चुने हुए राजनैतिक प्रतिष्ठानों ने त्रासदी के पीड़ितों को निराश किया। न्यायपालिका के हस्तक्षेप के चलते मामला और जटिल हो गया।"
चिदंबरम ने कहा, "यह 16 वीं लोकसभा है और आज त्रासदी के 26 साल बाद मैं आपसे संवेदना, दुख और दर्द बांट रहा हूं। मुझे इस बात का अपराधबोध हो रहा है कि पिछले 26 सालों में कार्यपालिका और संसद ने इस मामले में ऐसा कुछ नहीं किया जो उसे करना चाहिए था।"
उन्होंने कहा, "यह एक और उदाहरण है जिसमें संसद और कार्यपालिका ने न्यायपालिका के हित में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह नहीं किया। इस त्रासदी के बाद जिस तरह से कार्यपालिका की भूमिका में होनी चाहिए थी, वैसी नहीं रही। 1980 के आखिर और 90 की शुरुआत में इस त्रासदी के पीड़ितों को मुआवजा देने या फिर उन्हें न्याय दिलाने के संदर्भ में कार्यपालिका कई कदम उठा सकती थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।"
उन्होंने कहा, "कार्यपालिका के पीछे हटने की स्थिति में अदालत की ओर से कई आदेश दिए गए। कार्यपालिका ने उन्हीं आदेशों के तहत कदम उठाए। कभी भी आगे आकर इस संबंध में कोई पहल नहीं की गई।"
'यूनियन कार्बाइड' के तत्कालीन प्रमुख वॉरेन एंडरसन के संदर्भ में चिदंबरम ने सर्वोच्च न्यायालय के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि अदालती फैसले के बाद एंडरसन के खिलाफ मामला और भी कमजोर पड़ गया। उन्होंने कहा कि एंडरसन के प्रत्यर्पण के संदर्भ में जो कुछ भी प्रयास किए गए, उनमें सफलता नहीं मिली।
मौजूदा समय में सरकार की पहल का जिक्र करते हुए गृह मंत्री ने कहा, "हमने इस त्रासदी को लेकर कुछ सुझाव दिए हैं जो सरकार ने स्वीकार भी कर लिए हैं। इन सुझावों का क्रियान्वयन किया जा रहा है।"
उधर, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह द्वारा भोपाल गैस त्रासदी के संबंध में दिया गया बयान सच नहीं है।
चौहान ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि यह बात सच से परे है कि अर्जुन सिंह को इस बात की जानकारी नहीं थी कि एंडरसन को सरकारी विमान से दिल्ली भेजा गया था। चौहान ने कहा कि बिना मुख्यमंत्री की इजाजत के कोई सरकारी विमान उड़ान नहीं भर सकता।
चौहान ने कहा कि उन्होंने स्वयं वह लॉग बुक देखी है जिसमें सात दिसंबर 1984 को 3 बजकर 15 मिनट पर लिखा गया है कि एंडरसन को दिल्ली लेकर गए विमान ने मुख्यमंत्री के आदेश पर उड़ान भरी।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मामले से जुड़े तथ्यों को छुपाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अर्जुन सिंह ने अरसे बाद इस मामले पर चुप्पी तोड़ी है और इस समय का उपयोग क्या उन्होंने इस बात का निर्णय लेने में किया है कि किसे बचाना है और किसे फंसाना है?
मुख्यमंत्री ने कहा कि अर्जुन सिंह का यह दावा भी संदेहास्पद है कि एंडरसन को रिहा करने के लिए उन पर केंद्रीय गृहमंत्रालय का दबाव था। वह उस समय न सिर्फ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री थे बल्कि कांग्रेस के कद्दावर नेता भी थे। ऐसे में वह इस तरह के दबाव के बारे में गृहमंत्री और प्रधानमंत्री से सीधी बात कर सकते थे।
गौरतलब है कि वर्ष 1984 में भोपाल की 'यूनियन कार्बाइड' की फैक्टरी से जहरीली गैस के रिसाव से हजारों लोग मारे गए थे। उस दौरान इस कंपनी का प्रमुख वॉरेन एंडरसन देश से बाहर अमेरिका जाने में सफल रहा था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।