शाह को हिरासत में भेजने की सीबीआई की याचिका खारिज
अदालत के इस फैसले से जहां शाह को राहत मिली है वहीं सीबीआई के लिए इसे एक झटका माना जा रहा है। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ए. आई. दवे ने शाह के वकील राम जेठमलानी की उस दलील को स्वीकार करते हुए याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि आरोप पत्र दाखिल होने के बाद किसी भी आरोपी को केवल न्यायिक हिरासत में रखा जा सकता है न कि जांच एजेंसी की हिरासत में।
जेठमलानी ने कहा कि सीबीआई को जेल में पूछताछ के लिए तीन दिन का समय दिया गया था लेकिन सीबीआई इस समय का पूरा उपयोग करने में असफल रही है। उसने केवल तीन घंटे ही पूछताछ की। शाह की जमानत याचिका पर अब 11 अगस्त को सुनवाई होगी।
सीबीआई के एक ने बताया कि इस फैसले को सीबीआई उच्च न्यायालय में चुनौती दे सकती है। पूर्व पुलिस अधीक्षक एन. के. अमीन द्वारा दिए गए सरकारी गवाह बनने के आवेदन पर न्यायालय 10 अगस्त को विचार करेगा। मामले के अन्य आठ आरोपी पुलिसकर्मियों ने अमीन की इस याचिका के खिलाफ न्यायालय में अपना आवेदन दिया है।
शाह
को
सोहराबुद्दीन
शेख
कथित
फर्जी
मुठभेड़
मामले
में
गिरफ्तार
किया
गया
है।
सीबीआई
ने
23
जुलाई
को
30,000
पन्नों
का
आरोप
पत्र
पेश
कर
शाह
को
हत्या,
अपहरण
और
फर्जी
मुठभेड़
की
साजिश
रचने
का
आरोपी
बनाया
था।
शाह
ने
25
जुलाई
को
समर्पण
किया
था
और
वह
तभी
से
न्यायिक
हिरासत
में
हैं।