कराची हिंसा में मरने वालों की संख्या 62 हुई, 128 घायल (लीड-1)
अवैस सलीम
कराची, 4 अगस्त (आईएएनएस)। पाकिस्तान के कराची शहर में मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के नेता और विधायक रजा हैदर की हत्या के बाद से जारी हिंसा में मरने वालों की संख्या बुधवार को 62 तक पहुंच गई और 128 लोग घायल हैं।
सिंध प्रांत की विधानसभा में विधायक हैदर की अज्ञात हमलावरों ने सोमवार को निजामाबाद इलाके में एक मस्जिद के बाहर उस समय हत्या कर दी थी जब वह एक जनाजे में शरीक होने गए थे। इस हमले में उनका अंगरक्षक भी मारा गया था।
इस हत्या के तुरंत बाद कराची, हैदराबाद और सिंध के अन्य शहरों में हिंसा भड़क उठी। प्रदर्शनकारियों ने कम से कम 50 वाहनों के साथ ही दुकानों, पेट्रोल पंपों को आग के हवाले कर दिया।
जातीय हिंसा के चलते पिछले दो साल के दौरान यहां 1500 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।
बुधवार को भी यहां की सड़कें सुनसान नजर आईं। शैक्षिक संस्थान और कुछ दफ्तर खुलने के बावजूद लेकिन यहां उपस्थिति काफी कम रही।
शहर की फेडरल ऊर्दू यूनिवर्सिटी ने अपनी निर्धारित परीक्षा निरस्त कर दी है और नागरिक वाहनों की अनुपस्थिति की वजह से लोगों को काफी दिक्कत हुई।
आंतरिक मामलों के मंत्री रहमान मलिक ने बुधवार को बताया सिपह-ए-सहाबा और तहरीक-ए-तालिबान जैसे प्रतिबंधित संगठनों का हैदर की हत्या में हाथ है। मलिक ने इस हत्या को कराची को बांटने की कोशिश करार दिया।
एमक्यूएम के नेताओं नेताओं ने अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) पर इस हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया।
एएनपी के सिंध प्रांत के अध्यक्ष शाही सैय्यद ने हालांकि इन आरोपों का जोरदार खंडन करते हुए मामले की व्यापक जांच कराने की मांग की।
इससे पहले अज्ञात हमलावरों ने बुधवार सुबह कोरंगी क्षेत्र के अल्ताफ शहर में चार लोगों की पहचान सुनिश्चित करने के बाद हत्या कर दी। डॉन न्यूज ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि हमलावर पहचान के लिए अपने साथ किसी को लेकर आए थे।
रातभर गोलीबारी जारी रहने से लोगों में दहशत फैल गई। राजनीतिक दलों के गुटों में भी झड़पों की खबर है। इस बीच 80 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है।
वर्ष 1947 में पाकिस्तान बनने के बाद भारत से कराची आए ऊर्दू-भाषी लोगों और पश्चिमोत्तर के खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के पश्तो-भाषी लोगों के बीच यहां जातीय हिंसा का पुराना इतिहास रहा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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