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खिलौनों में जहरीलेपन का पता लगाएंगे भारतीय वैज्ञानिक (संशोधित डेटलाइन के साथ)

By Staff
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मोहम्मद शफीक

हैदराबाद, 1 अगस्त (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के मुताबिक देश और विदेश में बने खिलौनों में जहरीलेपन का पता लगाने के लिए भारतीय वैज्ञानिकों ने तैयारी शुरू कर दी है।

राष्ट्रीय व्यावसायिक स्वास्थ्य संस्थान (एनआईओएच) अहमदाबाद, राष्ट्रीय पोषण संस्थान (एनआईएन) हैदराबाद और भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के वैज्ञानिक इस काम को करने जा रहे हैं।

एनआईएन के सहायक निदेशक बी. दिनेश कुमार ने कहा, "हम चार क्षेत्रों से कुल 2,560 नमूने एकत्र करेंगे।" नमूनों के संग्रह का काम अगस्त में शुरू होने की संभावना है। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि वह 200 नमूनों पर आधारित अंतरित जांच रिपोर्ट इस साल के अंत तक तैयार कर लेंगे।

करीब 2,500 करोड़ रुपये की कीमत के खिलौना उद्योग के लिए फिलहाल सुरक्षा मानकों का अभाव है और बाजार के आंकड़ों की अनुपलब्धता है। वैज्ञानिक खिलौनों की जांच शुरू करने से पहले इनके मानक तय कर रहे हैं।

वैज्ञानिक नमूनों के संग्रह के दौरान ब्रांडेड, गैर ब्रांडेड, रंगों की पर्त चढ़े और बिना पर्तो वाले खिलौनों का संग्रह करेंगे। इन खिलौनों में टीथर, मानक गुड़िया और जानवरों के आकार वाले खिलौनों की तीन श्रेणियों में एकत्रित किया जाएगा।

इससे पहले शीतल पेय पदार्थो की इसी तरह की जांच में मिली असफलताओं को ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिक इस जांच में भारी धातुओं के आकलन की प्रक्रिया का भी मानकीकरण करेंगे।

एनआईएन ने खिलौनों की जांच के लिए जर्मनी से कुछ विशेष उपकरणों का आयात किया है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि भारत जैसे देश में इस तरह की जांच आसान काम नहीं है।

वैज्ञानिकों ने कहा, "यह अनियंत्रित व्यापार है, हम यह भी नहीं जानते कि कहां कितने खिलौने बन रहे हैं। बाजार में उपलब्ध खिलौनों पर निर्माताओं का नाम पता कुछ भी नहीं लिखा होता। इस तरह की परिस्थिति में जिम्मेदीरी तय करना बहुत मुश्किल काम है।"

दिल्ली स्थित विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र (सीएसई) सहित कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा किए गए अध्ययनों के मुताबिक भारत और विदेश में बने खिलौनों में भारी धातुओं की मात्रा काफी ज्यादा है।

चीनी खिलौनों में जहरीली धातुएं होने की खबरों के बाद भारत सरकार ने इनके आयात पर रोक लगा दी थी लेकिन चीन के अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय जाने के बाद यह रोक हटा दी गई थी।

भारत में खिलौनों के कुल बाजार में 70 प्रतिशत उत्पाद चीन से आयातित हैं।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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