क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

सरकार के कुप्रबंधन से खेलों की तैयारी का खर्च बढ़ा : भाजपा (लीड-1)

By Super
Google Oneindia News

भाजपा ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर खेल की तैयारियों पर निगरानी रखने वाले बोर्ड में सभी दलों के सदस्यों को शामिल न किए जाने का भी आरोप लगाया।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विजय गोयल ने पत्रकारों से कहा कि खेल परियोजनाओं का खर्च तय सीमा से अधिक बढ़ गया है।

उन्होंने कहा, "खेल परियोजनाओं के लिए पहली बार 1,899 करोड़ रुपये का बजट तैयार किया गया था जिसे मंत्रिमंडल ने वर्ष 2007 में मंजूरी दे दी थी।"

गोयल ने कहा, "मार्च 2010 में राष्ट्रमंडल खेलों के महानिदेशक वी. के. वर्मा ने खर्च 10,000 करोड़ रुपये बताया। खेल मंत्रालय के अनुसार यह खर्च 27,000 करोड़ रुपये का था और वहीं पर्यटन मंत्रालय की रिपोर्ट में इसे 87,000 करोड़ रुपये बताया गया था।"

भाजपा नेता ने खर्च बढ़ने के लिए सरकार पर कुप्रबंधन का अरोप लगाया।

गोयल ने कहा, "वर्ष 2002 में मैनचेस्टर में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में 146.3 करोड़ डॉलर और मेलबर्न में हुए खेलों के दौरान एक अरब डॉलर खर्च हुए थे। इस वर्ष दिल्ली में होने राष्ट्रमंडल खेलों में यह बजट 17.5 अरब डॉलर का हो गया है।"

उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर खेल की तैयारियों पर निगरानी रखने वाले बोर्ड में किसी अन्य दलों के सदस्यों को शामिल न करने का भी आरोप लगाया।

गोयल ने कहा, "सरकार इस मामले में किसी अन्य दल से कोई विचार-विमर्श नहीं करती है। हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री सभी दलों को विश्वास में लें और हमें बताएं कि खेलों से जुड़ी तैयारियों की क्या स्थिति है।"

गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) अध्यक्ष सोनिया गांधी राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारियों में हो रही अत्यधिक देरी और फिजूलखर्ची के बारे में चुप्पी साधे हुए हैं।

उन्होंने कहा कि इतने बड़े राष्ट्रीय महत्व के कार्यक्रम की सफलता के लिए उन्हें अपनी ओर से ठोस प्रयास करने चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री को सलाह दी कि वह शीघ्र सर्वदलीय बैठक बुलाएं और सबको विश्वास में लेकर बताएं कि राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारी बचे हुए 70 दिन के भीतर पूरी कराने की उनकी क्या योजना है?

उन्होंने कहा कि 19वें राष्ट्रमंडल खेल आज देश के लिए प्रतिष्ठा का विषय बने हुए हैं। इस खेल के आयोजन की जिम्मेदारी वर्ष 2003 में एनडीए सरकार में प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में दिल्ली को मिली थी। स्वयं खेल मंत्री एम.एस. गिल ने संसद में बयान दिया कि आयोजन की जिम्मेदारी मिलने के बाद तीन-चार वर्ष तक ढांचागत निर्माण की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया।

गोयल ने कहा कि राष्ट्रमंडल खेल फेडरेशन के अध्यक्ष माइक फेनेल ने भी प्रधानमंत्री का ध्यान इस ओर दिलाया और उसके बाद केंद्र सरकार ने उच्चस्तरीय समिति भी गठित की। फिर भी आयोजन समिति, दिल्ली एवं केंद्र सरकार नहीं जागी, जिसका परिणाम है कि देश के लोगों में चिंता है कि खेल सही समय पर सही तरीके से आयोजित हो पाएंगे या नहीं।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X