अब मोबाइल पर कॉमिक्स भी!
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'अमर चित्र कथा' के विपणन प्रमुख ऋषभ संघवी कहते हैं, "भारत के सभी कोनों में बेजोड़ पहुंच हासिल करने के बाद हम एम-कॉमिक्स शुरू करने के लिए इंतजार नहीं कर सकते थे क्योंकि यही भविष्य है। 'अमर चित्र कथा' ने गत जनवरी में एम-कॉमिक्स निकालनी शुरू की थी। संघवी ने कहा , "हमारे पास 30 शहरों का एक बाजार है और उच्च प्रौद्योगिकी वाले मनोरंजन की संभावनाओं को देखते हुए हमने प्रमुख सेवा प्रदाताओं की मदद से एम-कॉमिक्स जारी कीं। हम परिणाम से खुश हैं।"
एयरटेल, वोडाफोन, टाटा डोकोमो, आइडिया और बीएसएनएल जैसे कई सेवा प्रदाता इसके लिए जावा प्रणाली का इस्तेमाल कर रहे हैं। मोबाइल में कॉमिक्स देखने से पहले जावा प्रणाली को डाउनलोड करना पड़ता है। अन्य सेवा प्रदाता इसके लिए मल्टी-मीडिया मैसेजिंग का इस्तेमाल करते हैं। प्रति सप्ताह 10 या 10 से ज्यादा कॉमिक्स श्रृंखलाओं के लिए उपभोक्ता को सेवा प्रदाता को 10 से 25 रुपये शुल्क देना पड़ता है।
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एम-कॉमिक्स उद्योग में एक और बड़ा नाम 'राज कॉमिक्स' है। 'राज कॉमिक्स' के स्टूडियो प्रमुख संजय गुप्ता कहते हैं कि उन्होंने सात महीने पहले एम-कॉमिक्स शुरू की थीं। उन्होंने कहा था कि कॉमिक्स की बिक्री में आई कमी और युवाओं के मनोरंजन के लिए इंटरनेट का रुख करने के बाद उन्होंने यह शुरुआत की। उन्होंने कहा कि उनके पास हर तरह की कॉमिक्स हैं और यही वजह है कि उनके पाठकों की संख्या भी ज्यादा है।