रुचिका मामला : राठौड़ पहुंचा हरियाणा उच्च न्यायालय
राठौड़ की पत्नी, धर्मपत्नी होने के किरदार को पूरी तरह निभा रही हैं। राठौड़ पर आरोप साबित होने के बाद भी श्रीमती आभा राठौड़ जो पेशे से वकील हैं, वह अपने पति को जेल की सलाखों से बाहर निकालने के लिए प्रयासरत हैं। इसलिए उन्होने राठौड़ की जमानत के लिए हरियाणा उच्च न्यायालय में गुहार लगाई है।
मालूम
हो
कि
अदालत
ने
रुचिका
केस
पर
फिर
से
सुनवाई
करते
हुए
मंगलवार
को
राठौड़
की
सजा
छह
महीने
से
बढ़ाकर
18
महीने
कर
दी
थी
।
फैसले
के
बाद
से
राठौड़
जेल
में
हैं।
अधिकारियों
ने
बताया
कि
राठौड़
ने
स्वास्थ्य
की
बुनियाद
पर
जमानत
की
मांग
की
है।
उसने
कहा
था
कि
हाल
ही
में
हुई
बाईपास
सर्जरी
की
वजह
से
उसे
चिकित्सीय
देखभाल
की
जरूरत
है।
राठौड़
का
भविष्य
हाई
कोर्ट
के
फैसले
पर
पूरी
तरह
से
निर्भर
करता
है।
वैसे
अब
राठौड़
की
मुश्किलें
बढ़
गयी
हैं
क्योंकि
29
जुलाई
से
न्यायालय
एक
महीने
के
लिए
बंद
हो
रहा
है।
पहले
मिली
थी
6
माह
की
सजा
उल्लेखनीय
है
कि
हरियाणा
के
पंचकुला
में
रहने
वाली
रुचिका
ने
राठौड़
द्वारा
यौन
उत्पीड़न
किये
जाने
के
तीन
साल
बाद
आत्महत्या
कर
ली
थी।
सीबीआई
की
एक
विशेष
अदालत
ने
पिछले
साल
दिसंबर
में
राठौड़
को
रुचिका
के
यौन
उत्पीड़न
मामले
में
दोषी
ठहराया
था।
अदालत
ने
दिसंबर,
2009
में
राठौड़
को
छह
महीने
के
कारावास
की
सजा
सुनाई
थी
और
1,000
रुपये
का
जुर्माना
लगाया
था।
हालांकि
सजा
सुनाए
जाने
के
बाद
उसे
जल्द
ही
जमानत
मिल
गई
थी।
राठौड़ ने गत जनवरी में खुद को दोषी ठहराने के फैसले के खिलाफ अदालत में चुनौती दी थी। सीबीआई ने राठौड़ की अपील का विरोध करते हुए उसकी सजा बढ़ाए जाने संबंधी याचिका दायर की। सीबीआई ने उसकी सजा को छह महीने से बढ़ाकर दो वर्ष करने का अनुरोध किया। इसके बाद अदालत का यह फैसला आया।