राठौर की याचिका पर फैसला मंगलवार को संभव (लीड-1)
केंद्रीय जांच ब्यूरो की एक विशेष अदालत ने पिछले साल दिसंबर में राठौर को 15 साल की रुचिका के साथ छेड़छाड़ के मामले में दोषी ठहराया था। पंचकुला में रहने वाली रुचिका के साथ अगस्त 1990 में राठौर ने छेड़छाड़ की थी। इस घटना के तीन साल बाद रुचिका ने आत्महत्या कर ली थी।
अदालत ने राठौर को छह महीने की कठोर कारावास की सजा सुनाई थी और 1000 रुपये का जुर्माना लगाया था। सजा सुनाए जाने के बाद हालांकि उसे जल्द ही जमानत मिल गई थी।
जांच एजेंसी ने राठौर की सजा बढ़ाए जाने संबंधी याचिका दायर की है। यह मामला भी इसी अदालत में लंबित है। सजा बढ़ाए जाने के मामले पर भी मंगलवार को फैसला सुनाया जा सकता है।
सीबीआई ने राठौर की चुनौती याचिका का विरोध करते हुए उनकी सजा को छह महीने से बढ़ाकर दो वर्ष करने का अनुरोध किया है।
इससे पहले अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश गुरबीर सिंह ने रोजाना दोनों पक्षों की दलील सुनी।
इस मामले में मुख्य शिकायतकर्ता आनंद प्रकाश ने आईएएनएस से कहा, "हम चाहते हैं कि राठौर को ऐसी सजा मिले कि अन्य अधिकारी ऐसे अपराधों को अंजाम देने की हिमाकत न करें। हमें भारतीय न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। हमारा पक्ष बहुत मजबूत है। हमने अदालत में सभी जरूरी सबूत पेश किए हैं। हमें विश्वास है कि राठौर को लंबे कारावास की सजा होगी।"
प्रकाश की बेटी आराधना इस मामले की एक मात्र चश्मदीद है। आराधना अब ऑस्ट्रेलिया में रहती हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।