बजट नियम न मानने पर कड़ी कार्रवाई
यूरोपीय संघ के वित्त मंत्री इस बात पर सहमत हो गए हैं कि ईयू के जो सदस्य देश बहुत ज़्यादा कर्ज़ में डूबे हुए होंगे उनके ख़िलाफ़ कड़े कदम उठाए जाएँगे.
यूरो में आ रही गिरावट और ताज़ा वित्तीय संकट पर विचार-विमर्श करने के लिए यूरोपीय संघ आर्थिक टास्क फ़ोर्स की ब्रसेल्स में बैठक थी.
जर्मनी ने इसमें प्रस्ताव रखा था कि बजट घाटे को नियंत्रण में लाना होगा जिसपर सभी सदस्यों ने सहमति जताई.
बैठक में ये फ़ैसला भी लिया गया कि जो देश घाटे से जुड़े नियमों का उल्लंघन करेंगे उन्हें यूरोपीय संघ से दी जाने वाली राशि रोक दी जाएगी या वोटिंग अधिकार नहीं दिया जाएगा.
यूरोपीय संघ के अध्यक्ष हरमन वैन रॉमपाय का कहना था कि सब देश आर्थिक संकट से सबक लेना चाहते हैं क्योंकि पहले कड़े कदम उठाने में ढील बरती गई थी.
यूरोपीय देशों की इस बात के लिए आलोचना हो रही है कि यूरो को बचाने के लिए यूरोप ने बहुत कम और देर से कदम उठाए.
बजट घाटा
ब्रसेल्स की ये बैठक उस सप्हात के अंत में आयोजित की गई थी जब ग्रीस के कर्ज़ संकट के कारण यूरोपीय देशों के बाज़ारों में उथल पुथल मची रही.
पिछले कुछ दिनों में डॉलर के मुकाबले यूरो अपने सबसे निचले स्तर पर पहुँच गया था.
स्पेन, पुर्तगाल और अन्य देशों में कर्ज़ से जुड़े संकट को लेकर चिंताएँ हैं. आशंका जताई जा रही है कि आर्थिक संकट से यूरोपीय अर्थव्यवस्था को नुकसान हो सकता है.
यूरोपीय संघ के अध्यक्ष ने कहा है कि सदस्य देशों के चार मुख्य उद्देशय हैं जिसमें बजट को लेकर ज़्यादा अनुशासन और कड़ाई से काम लेना,
आर्थिक संकट से निपटने के लिए प्रणाली तैयार करना और आर्थिक सुशासन लाना शामिल है.
उन्होंने कहा कि ये बैठक नीतियों को लागू करने की प्रक्रिया की शुरुआत भर है और ईयू के वित्त मंत्रियों में इसे लेकर दृढ़ इच्छा शक्ति है.
यूरोपीय संघ में ब्रिटेन का बजट घाटा सबसे ज़्यादा है.