3जी नीलामी के बाद टेलीकॉम कंपनियों के शेयरों में उछाल
विशेषज्ञ हालांकि इन कंपनियों के बढ़ते जा रहे कर्ज को लेकर भी चिंतित हैं। इन कंपनियों को अगले 10 दिन में 3जी नीलामी में लगी बोलियों की कीमत के 67,718 करोड़ रुपये सरकार को देने हैं।
गुरुवार को बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर ज्यादा सर्किलों में स्पेक्ट्रम पाने वाली भारती एयरटेल और आइडिया सहित सरकारी क्षेत्र की कंपनी महानगर दूरसंचार निगम के शेयर तेजी के साथ बंद हुए।
बिजनेस से जुड़ी खबरें पढ़ें
13 सर्किलों में 12,295.46 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम खरीदने वाली भारती एयरटेल का शेयर 0.23 फीसदी बढ़कर 260.15 रुपये पर पहुंच गया। जबकि 13 सर्किलों में ही 8,585.04 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम खरीदने वाली रिलायंस कम्युनिकेशन का शेयर 0.73 प्रतिशत गिरकर 135.80 रुपये पर बंद हुआ।
आइडिया का शेयर 0.95 प्रतिशत बढ़कर 53.25 रुपये पर बंद हुआ। आइडिया ने 5,768.59 करोड़ रुपये की लागत से 11 सर्किलों में बोली जीती है। एमटीएनएल के शेयर में 0.53 फीसदी की तेजी दर्ज की गई और यह 56.45 रुपये पर बंद हुआ। एमटीएनएल के पास पहले से ही 3जी स्पेक्ट्रम है लेकिन उसे नीलामी की बोली के आधार पर सरकार को 6,564 करोड़ रुपये चुकाने हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि दूरसंचार कंपनियों के प्रति आशावाद के कारण लोग ऊंची लागत और घटते मुनाफे का दबाव नहीं देख रहे हैं। तीव्र प्रतिस्पर्धा का मतलब है कि कंपनियों के प्रति उपभोक्ता मुनाफे में कमी आएगी।
दूरसंचार उद्योग विशेषज्ञ और कॉम फर्स्ट के निदेशक महेश उप्पल का कहना है, "आंकड़े बहुत ज्यादा हैं, यह बहुत ही अव्यावहारिक होगा अगर हम इस क्षेत्र में स्थिरता की उम्मीद करें। आखिर तीन-चार अरब डॉलर कोई छोटी रकम नहीं है।"
3जी स्पेक्ट्रम की नीलामी की बोलियां बुधवार शाम को 34 दिनों तक 183 राउंड तक चलने के बाद समाप्त हुई हैं। अब ब्रॉडबैंड के लिए स्पैक्ट्रम आवंटन की नीलामी शनिवार से शुरू होगी।
एसएमसी
कैपिटल
के
जगन्नाथम
थुनुगुंतला
कहते
हैं,
"3जी
नीलामी
इस
क्षेत्र
में
स्थिरता
का
माहौल
बनाएगी।
लेकिन
महंगे
स्पेक्ट्रम
खरीदने
की
वजह
से
फिलहाल
निवेशक
दूरसंचार
कंपनियों
के
शेयरों
से
बचेंगे।"