चीन में 360 से ज्यादा अखबार बंद होंगे
बाजार की मांग
चीन के 'जनरल एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ प्रेस एंड पब्लिकेशन' द्वारा 2008 में एक बाजारोन्मुखी प्रतिस्पर्धा योजना शुरू करने के बाद से खराब प्रबंधन वाले समाचार पत्र और प्रकाशन जारी रखने के लिए संघर्ष कर रहे समाचार पत्र बंद हो गए हैं। यहां 2009 में कुल 188 समाचार पत्रों और पत्रिकाओं का प्रकाशन बंद हुआ है।
घाटे
में
चल
रहे
अखबारों
पर
रोक
एक
गुणवत्ता
मूल्यांकन
कार्यक्रम
के
तहत
समाचार
पत्रों
के
बुनियादी
ढांचे,
पर्यावरणीय
संसाधनों
और
प्रबंधन
क्षमताओं
की
समीक्षा
की
गई
थी।
'जनरल
एडमिनिस्ट्रेशन
ऑफ
प्रेस
एंड
पब्लिकेशन'
के
महानिदेशक
ल्यू
बिंजी
ने
समाचार
पत्र
'ग्लोबल
टाइम्स'
के
हवाले
से
कहा
है,
"हम
दिवालिएपन
की
कगार
पर
पहुंच
रहे
और
घाटे
में
चलने
वाले
समाचार
पत्रों
को
बंद
करने
के
लिए
प्रतिबद्ध
हैं।"
2008 में प्रायोगिक तौर पर लियाओनिंग के 12 समाचार पत्रों-पत्रिकाओं और हेबेई के तीन अन्य प्रकाशनों को बंद कर दिया गया था। 'ऑल चाइना जर्नलिस्ट एसोसिएशन' द्वारा निकाले जाने वाले 'चाइना प्रेस जर्नल' का प्रकाशन 1999 में खराब प्रबंधन के चलते रोक दिया गया था। यह ऐसा पहला राष्ट्रीय समाचार पत्र था जिसका प्रकाशन बंद किया गया था।
आंकड़े बताते हैं कि चीन में 1,943 समाचार पत्रों और करीब 10,000 पत्र-पत्रिकाओं का प्रकाशन होता है। उल्लेखनीय है कि चीन में प्रेस की स्वतंत्रता नहीं के बराबर है और यहां मीडिया पर सरकार का कड़ा नियंत्रण है।
मीडिया को नहीं स्वतंत्रता
सीधे तौर पर कहा जाए तो चीन में मीडिया पर सेंसरशिप लागू है। यहां पर स्टेट के खिलाफ मीडिया में लिखने और बोलने की स्वतंत्रता नहीं है औऱ नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ी सजा के प्रावधान है।
पिछले महीने गूगल ने चीन के बाजार से खुद को अलग कर लिया जिसकी वजह यह थी कि चीन की सरकार गूगल पर भारी सेंसरशिप लगा रही थी। गौरतलब है कि दुनिया में सबसे ज्यादा इंटरनेट उपभोक्ता चीन में हैं। पिछले कुछ सालो में चीन में सोशल नेटवर्किंग साइटों जैसे फेसबुक औऱ ट्विटर पर भी प्रतिबंध लगाया जा चुका है।