'प्रियभांशु के पिता शादी के खिलाफ थे'
निरूपमा 29 अप्रैल को झारखण्ड स्थित अपने घर में मृत पाई गई थी। निरूपमा की मौत के बाद से ही उसके पुरुष मित्र, प्रियभांशु रंजन और निरूपमा के परिवारों के बीच आरोपों-प्रत्यारोपों का दौर जारी है।
प्रियभांशु के पिता रमा शंकर कर्ण ने रविवार को पाठक परिवार पर इस शादी के खिलाफ होने का आरोप लगाया था और दावा किया था कि निरूपमा को उसके घर में बाथरूम में बंद कर दिया गया था।
बिहार के दरभंगा स्थित अपने आवास पर मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए रमा शंकर ने कहा कि वह शादी के खिलाफ नहीं थे और उनके बेटे को निरूपमा की मौत के मामले में फंसाया जा रहा है।
इस बीच निरूपमा के पिता धर्मेद्र पाठक ने आरोप लगाया है कि प्रियभांशु के पिता शादी के खिलाफ थे।
पाठक ने कोडरमा में संवाददाताओं को बताया, "मैंने निरूपमा और प्रियभांशु के रिश्ते के बारे में प्रियभांशु के पिता से मार्च में तीन बार बात की थी। लेकिन उन्होंने कहा था कि तीन साल तक अभी उनके बेटे की शादी का कोई सवाल ही नहीं उठता और उन्होंने निरूपमा से अपने बेटे की शादी की संभावनाओं को भी खारिज कर दिया था।"
पाठक ने आरोप लगाया है कि प्रियभांशु और उसके मित्र, निरूपमा की मौत के मुख्य षड़यंत्रकारी हैं। पाठक ने कहा, "वे अपनी पहुंच के जरिए जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं।" उन्होंने कहा कि उनकी बेटी ने आत्महत्या की थी और इस मामले की निष्पक्ष जांच से सच्चाई सामने आ जाएगी।
निरूपमा के भाई समरेंद्र ने कहा, "नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के विशेषज्ञों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। एम्स के चिकित्सकों की राय से साबित हो गया है कि रिपोर्ट किसी दबाव में आकर तैयार की गई थी।"
इस बीच निरूपमा की मां, सुधा पाठक के वकील अशोक मिश्रा ने निरूपमा की मौत के बाद प्रियभांशु द्वारा किए गए फोन काल्स के विवरण मांगे हैं।
एक अन्य घटनाक्रम के तहत पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों ने पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन में जाने से इंकार कर दिया है।
पुलिस के अनुसार निरूपमा का पोस्टमार्टम करने वाले तीन चिकित्सकों से पूछताछ की जाएगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।