रिलायंस गैस फैसले से हमारे हित सुरक्षित : अनिल
नई दिल्ली, 7 मई (आईएएनएस)। रिलायंस नेचुरल रिसोर्सेज के चेयरमैन अनिल अंबानी ने शुक्रवार को कहा कि कृष्णा-गोदावरी गैस विवाद पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से उनके समूह के 1.1 करोड़ शेयरधारकों के हितों की रक्षा हुई है। उन्होंने कोई समीक्षा याचिका दायर करने से भी इंकार किया।
एक टेलीकांफ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ गैस आपूर्ति और कीमतों का निर्धारण दोनों पक्षों के लिए उपयुक्त होना चाहिए।
सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि सरकारी नीतियों के आधार पर अंबानी बंधुओं (मुकेश और अनिल) की कंपनियों के बीच छह सप्ताह के भीतर आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्र से गैस आपूर्ति के मामले में समझौता होना चाहिए।
प्रधान न्यायाधीश के.जी बालाकृष्णन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी और न्यायाधीश पी. सथशिवम सदस्य थे। खंडपीठ ने मुकेश अंबानी की स्वामित्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज और अनिल अंबानी की स्वामित्व वाली रिलायंस नेचुरल रिसोर्सेज से यह भी कहा है कि नए समझौते को बंबई उच्च न्यायालय की कंपनी पीठ के समक्ष रखा जाए।
अंबानी ने कहा, "रिलायंस इंडस्ट्रीज और रिलायंस नेचुरल रिसोर्सेज के बीच बहुमत के निर्णय द्वारा गैस आपूर्ति समझौते को शीघ्र अंतिम रूप देने की दिशा में निर्देश देते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने रिलायंस नेचुरल रिसोर्सेज के मामले को वैध ठहराया है।"
उन्होंने कहा, "माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 18 जून 2005 को हुए आपसी सहमति के समझौते को वैध ठहराते हुए उसे रिलायंस इंडस्ट्रीज के व्यापारिक पुनर्गठन के लिए आधार योजना और निर्देशिका करार दिया।"
50 वर्षीय उद्योगपति ने कहा कि 35,000 मेगावाट से अधिक की क्षमता वाले ग्रीनफील्ड ऊर्जा परियोजना पर तेजी से क्रियान्वयन के साथ उनका समूह भारत के सबसे बड़े ऊर्जा उत्पादक के रूप में उभरने के लिए वचनबद्ध है। साथ ही कंपनी देश के ऊर्जा क्षेत्र के सर्वागीण विकास के लिए काम करेगी।
अनिल ने कहा, "रिलायंस पावर की गैस आधारित परियोजना 8,000 मेगावाट स्वच्छ और हरित ऊर्जा उपलब्ध कराएगी।"
उन्होंने रिलायंस अनिल धीरूभाई समूह के 1.1 करोड़ शेयरधारकों को उनके समर्थन और प्रतिबद्धता के लिए धन्यवाद दिया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।