निरुपमा पाठक के लिए न्याय की लड़ाई
इज्जत के नाम पर हत्या
निरुपमा के जानने वालों का कहना है कि परिवार ने 'इज्जत के नाम पर' उनकी हत्या की है क्योंकि वो एक विजातीय लड़के से प्रेम करती थीं औऱ शादी करना चाहती थीं। आयोग की अध्यक्ष गिरिजा व्यास ने कहा, "निरुपमा की मौत के मामले में हमने कोडरमा जिला पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।" उन्होंने कहा कि इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होनी चाहिए।
झारखण्ड के कोडरमा स्थित आवास में 29 अप्रैल को निरुपमा संदेहास्पद परिस्थितियों में मृत पाई गई थीं। एक सामुदायिक ब्लॉग पर उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट को सार्वजनिक किए जाने से पता चला है कि निरुपमा पाठक की गला घोंट कर हत्या की गई थी औऱ उसके बाद इसे आत्महत्या करार करने के लिए उन्हें फांसी पर लटका दिया गया।
दोषियों को मिले सजा तो नीरू को मिले न्याय
इस घटना से स्तब्ध उनके दोस्त औऱ जानने वाले दोषियों के लिए सख्त सजा की अपील कर रहे हैं। निरुपमा के माता- पिता ने झांसा देकर उन्हें घर बुलाया था कि उनकी मां की रीढ़ की हड्डी में चोट आ गई है। इसलिए वो 19 अप्रैल को कोडरमा आई थी और उन्हें 28 अप्रैल को दिल्ली लौटना था मगर अगले दिन यानी 29 अप्रैल को उनकी मौत की खबर आई।
निरुपमा पाठक ने दिल्ली स्थित भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) से पत्रकारिता की पढ़ाई की थी। आईआईएमसी में ही निरुपमा के साथ पढ़ाई कर चुके रणवीर का कहना है, "पहले दिन से ही इस बात को लेकर आशंका व्यक्त की जा रही थी कि निरुपमा के माता-पिता ने उसकी हत्या कर दी है। दरअसल वह अन्य जाति के एक लड़के से शादी करना चाहती थी। इस हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। "
न्याय के लिए अभियान
निरुपमा
के
सभी
मित्रों
का
कहना
है
कि
'इज्जत
के
लिए
हत्या'
के
इस
मामले
में
निरूपमा
को
न्याय
मिलना
चाहिए,
जो
तभी
मिल
सकता
है
जब
उनके
दोषी
मां-बाप
को
सजा
मिले।
विभिन्न
सोशल
नेटवर्किंग
साइट
पर
भी
निरुपमा
की
संदिग्ध
मौत
के
मामले
में
न्याय
के
लिए
लोग
अभियान
चला
रहे
हैं।