मिलकर काम करें राज्य और केंद्र : शिंदे
शिंदे ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र के विकास में भारत सरकार और राज्य सरकारों की पूरक भूमिका है और सर्वाधिक महत्वपूर्ण मुद्दों से निपटने की हमारी क्षमता इस पर निर्भर है कि हम एकसाथ मिलकर कैसे काम करते हैं।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री भरतसिंह सोलंकी, दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और विभिन्न राज्यों के ऊर्जा मंत्री तथा ऊर्जा सचिव शामिल हैं।
सम्मेलन में अतिरिक्त बिजली उत्पादन क्षमता के निर्माण, राज्य बिजली बोर्डो का विकेंद्रीकरण, राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों का विद्युतीकरण और बिजली के वितरण तथा पारेषण व्यवस्था में सुधार जैसे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी।
इस दिशा में मंत्रालय द्वारा किए गए प्रयासों का उल्लेख करते हुए शिंदे ने कहा कि 11वीं पंचवर्षीय योजना के पहले तीन वर्षो में 22,302 मेगावॉट बिजली उत्पादन क्षमता का निर्माण किया गया है। यह मात्रा 10वीं पंचवर्षीय योजना में तैयार बिजली उत्पादन क्षमता से अधिक है।
शिंदे ने उम्मीद जताई की राज्य सरकारों के सहयोग से अगले दो वर्षो में योजना के दौरान 40,000 मेगावॉट बिजली निर्माण के लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कानून और व्यवस्था, भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास तथा वन एवं पर्यावरण संबंधी मंजूरी जैसे मामलों में राज्य सरकारों का सहयोग बहुत अहम है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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