बेनजीर पर हमले के ठीक पहले निकले थे रहमान मलिक
ज्ञात हो कि 27 दिसंबर, 2007 को रावलपिंडी में हुए एक हमले में बेनजीर की मौत हो गई थी। इस हत्या की जांच चिली के राजदूत मेक्सिको के राजदूत हेराल्डो मुनोज के नेतृत्व में की गई। जांच आयोग में इंडोनेशिया के राजनयिक मारजुकी दारुस्मान और आयरलैंड के पीटर फिट्जगेराल्ड शामिल थे। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून को यह रिपोर्ट गुरुवार को सौंपी गई। रिपोर्ट में कहा गया है, "आयोग ने पाया कि बेनजीर की भुट्टो के लिए किए गए सुरक्षा के इंतजाम नाकाफी और अप्रभावी थे।"
दो मिनट पहले वहां से निकल गए थे दोनों मंत्री
रिपोर्ट जारी होने से पहले टेलीग्राफ डॉट को डॉट यूके ने एक खबर प्रकाशित की, जिसमें प्रत्यक्षदर्शी के हवाले से कहा गया है कि बेनजीर की सुरक्षा में लगे अधिकारी चौधरी मोहम्मद असलम के हवाले से लिखा है कि जिस समय बेनजीर पर हमला हुआ उसके ठीक पहले पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री रहमान मलिक और वर्तमान विधि मंत्री बाबर अवान वहां से निकल गए थे। वो भी उस मर्सडीज़ कार में जो बेनजीर के लिए वैकल्पिक तौर पर काफिले में शामिल थी।
असलम ने दि डेली टेलीग्राफ को दिए गए साक्षात्कार में बताया कि इस साजिश के पीछे मलिक, अवान और तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के शामिल होने की आशंका है। असलम ने बताया कि भुट्टो वहां से अपनी पजेरो कार से निकलने ही वाली थीं कि उनके प्रोटोकॉल में शामिल मर्सिडीज में सवार मलिक, अवान ने अपने ड्राइवर से कहा कि कार को आसिफ अली ज़रदारी के घर ले चलो। यहां तक दोनों ने ड्राइवर से कार की स्पीड बढ़ाने को भी कहा।
आईएसआई ने पहले दी थी चेतावनी
टोकॉल तोड़ कर जब वो मर्सडीज़ आगे निकल गई तो उसके पीछे पुलिस और प्राइवेट सुरक्षाकर्मी भी चल दिए। इसके ठीक दो मिनट बाद जब बेनज़ीर की पजेरो कार गेट से बाहर निकली तो वहां सुरक्षाकर्मी नदारद थे। ठीक उसी समय हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलानी शुरू कर दीं। बेनजीर तुरंत अपनी कार के अंदर कूदीं और इतनी ही देर में कार के पास जबरदस्त बम धमाका हुआ। बेनजीर ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। यही नहीं उनके साथ आस-पास खड़े 35 लोग मारे गए।
रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी पीपुल्स पार्टी की सूचना अधिकारी ने इस बात की पुष्टि भी की कि बेनजीर पर हमले से ठीक पहले रहमान और अवान लैकत बाग (जहां हमला हुआ) से निकल गए थे। उन्होंने बताया कि जब भुट्टो रैली के लिए निकलने वाली थीं, तब आईएसआई ने उन्हें हमले की आशंका की चेतावनी भी दी थी। लेकिन यह नहीं पता कि भुट्टो की सुरक्षा के प्रमुख के रूप में कार्यरत मलिक को उस चेतावनी के बारे में पता था या नहीं।