पोलैंड के राष्ट्रपति की मौत, भारत ने दोस्त खोया (लीड-4)
वारसा, 10 अप्रैल (आईएएनएस)। भारत से खास लगाव रखने वाले एवं लोकतंत्र समर्थक पोलैंड के राष्ट्रपति लेख काजिंस्की की शनिवार तड़के एक विमान हादसे में मौत हो गई।
रूस के पश्चिमी हिस्से में स्मोलेंस्क हवाई अड्डे के निकट हुए इस हादसे में काजिंस्की और उनकी पत्नी मारिया के साथ विमान में सवार करीब 130 अन्य लोगों की भी मौत हो गई है।
हादसे की खबर के बाद पूरे पोलैंड में शोक की लहर दौड़ गई है। प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क कैबिनेट की आपात बैठक में हिस्सा लेने के लिए वारसा लौट आए हैं। पोलैंड की संसद के अध्यक्ष ब्रोनिस्लॉव कोमोरोवस्की नए चुनाव संपन्न होने तक राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने के लिए वारसा पहुंच गए हैं।
यह हादसा उस वक्त हुआ जब रूस निर्मित तुपोलेव 154-एम विमान कोहरे में उतरने की तैयारी कर रहा था । इसी दौरान वह पेड़ों से टकरा गया और उसमें आग लग गई। विमान में काजिंस्की और उनकी पत्नी के अलावा पूर्व रक्षा मंत्री जेर्जी सज्माजदिंस्की और पोलैंड नेशनल बैंक के अध्यक्ष स्लॉमीर स्क्रेजपेक भी सवार थे।
पोलिश प्रेस एजेंसी के मुताबिक विमान में पोलैंड के अंतिम निर्वासित राष्ट्रपति रियाजार्ड केजोरवोस्की और संसद के उप मार्शल जेर्जी सेजमाजडिजिंस्की भी सवार थे।
रूस के आपात मामलों के मंत्रालय ने हादसे की पुष्टि की है। पोलैंड के विदेश मंत्रालय के प्रेस सचिव पीटर पासज्कोवस्की ने विमान में काजिंस्की के सवार होने की पुष्टि की है।
काजिंस्की कातेन में आयोजित एक समारोह में हिस्सा लेने जा रहे थे। यह समारोह उन 20,000 पोलैंडवासियों की याद में मनाया जाना था जो द्वितीय विश्व युद्ध में सोवियत सेना द्वारा मौत के घाट उतार दिए गए थे।
'रशिया 24' टेलीविजन नेटवर्क ने स्मोलेंस्क के गवर्नर के हवाले से कहा कि विमान पेड़ से टकराने के बाद टुकड़े-टुकड़े हो गया। चैनल ने घटनास्थल के फुटेज दिखाए, जिनमें आग की लपटें देखी गईं।
जांचकर्ता हादसे की वजह का पता लगा रहे हैं। हादसे की खबर के तुरंत बाद कातेन में आयोजित होने वाले समारोह को रद्द कर दिया गया।
काजिंस्की अक्टूबर 2005 में राष्ट्रपति चुने गए थे। उन्होंने हाल ही में भारत दौरे पर जाने की इच्छा जाहिर की थी। राष्ट्रपति चुने जाने से पहले वह वारसा के मेयर थे।
आईएएनएस के साथ बातचीत में काजिंस्की ने कहा था कि वह भारत यात्रा पर जाना चाहते हैं। अप्रैल 2009 में जब भारत की राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील पोलैंड आईं थी तो उन्होंने उनका भव्य स्वागत किया था।
काजिंस्की भारतीय लोकतंत्र हिमायती थे और चीन के बड़े आलोचक थे। उनके दिल में तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा के प्रति खास सम्मान था। जब भी दलाई लामा पोलैंड आए, उन्होंने उनसे मुलाकात की। पोलैंड की राजनीति में काजिंस्की और उनके जुड़वां भाई जारोसॉल्व गत 10 वर्षो से बेहद सक्रिय थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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