भारत-चीन गलतफहमियों से बचें : मेनन
उन्होंने दोंनों देशों के बीच सार्वजनिक कूटनीति की आवश्यकता पर जोर दिया। भारत और चीन के बीच कूटनीतिक रिश्तों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ पर इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स द्वारा आयोजित एक गोष्ठी में मेनन ने कहा, "जब दुनिया इतनी तेजी से बदल रही है और अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था में अनपेक्षित स्तर पर अनिश्चितता बढ़ रही है तो भारत और चीन एक दूसरे की प्रक्रियाओं और गलतफहमियों को समझे बिना अपनी नीतियों में विकृति नहीं ला सकते।"
उन्होंने कहा, "ज्ञात और सहायक जनमत के आधार पर ही हम अवसरों का लाभ उठा सकते हैं और महत्वाकांक्षी लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। तभी हम 21वीं सदी में आपसी रिश्तों को ठोस आधार पर खड़ा करने में समर्थ होंगे।" उन्होंने कहा, "भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में जनमत से ही परस्पर भरोसे का संबंध है। ऐसा हासिल होने से ही आपस की रिश्तों के विकास के लिए अनुकूल माहौल बनेगा।"
भारत में चीन के राजदूत झांग यान ने भी इस मौके पर दोनों देशों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध स्थापित करने के लिए जनमत पर सही तरीके से ध्यान देने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा, "बेहतर संबंधों के लिए जनमत बहुत महत्वपूर्ण है। दोनों देशों जनमत को सही दिशा निर्देश देना होगा और युद्धोन्मादी बातों से बचना होगा।" ज्ञात हो कि है कि दोनों देशों के बीच पिछले साल तनाव का माहौल विकसित हुआ था क्योंकि अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख में चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सैनिकों की घुसपैठ और अतिक्रमण की कई वारदातें हुई थी।