नई दिल्ली, 11 मार्च (आईएएनएस)। एक शोध से पता चला है कि देश में पैदा होने वाले 70 फीसदी बीमार नवजात किडनी संबंधी परेशानियों से ग्रसित होते हैं। इनमें से पांच प्रतिशत का ही इलाज संभव हो पाता है।नई दिल्ली के मशहूर बत्रा अस्पताल द्वारा 15 वर्षो तक 300 बीमार नवजात बच्चों पर कराए गए शोध से पता चला है कि इनमें से पांच प्रतिशत को किडनी संबंधी गंभीर परेशानी होती है।बत्रा अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजीव बागाई ने आईएएनएस को बताया, किडनी शरीर का बहुत अहम अंग होता है। यह रक्तचाप, शरीर में नमक की मात्रा, तरलों की मात्रा और कई अन्य तरह की चीजों को नियंत्रित करता है। किडनी संबंधी अधिकांश बीमारियां छुटपन से शुरू होती हैं।शोध में पाया गया है कि यूरेनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई) बच्चों और बुजुर्गो में पाई जाने वाली किडनी संबंधित एक समान्य बीमारी है।बागाई ने बताया कि किडनी खराब होने के कई कारण होते हैं। सामान्य तौर पर मूत्र संबंधी दिक्कतों, संक्रमण, हाइपरटेंशन, कैंसर और एक साथ कई अंगों के नाकाम होने के कारण किडनी काम करना बंद करती है।डॉक्टरों का कहना है कि शुरुआती जांच, पहचान और अच्छे इलाज के माध्यम से किडनी में आ रही खराबी को वक्त पर ठीक किया जा सकता है।शोध में कहा गया है कि आने वाली पीढ़ी को किडनी संबंधी बीमारियों से बचाने के लिए स्कूलों में यूरेनरी इंफेक्शन टेस्ट अनिवार्य किया जाना चाहिए।इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।**