प्रत्यर्पण सहित कई समझौतों पर हस्ताक्षर, 'रियाद घोषणा पत्र' जारी (लीड-2)
रियाद, 1 मार्च (आईएएनएस)। भारत और सऊदी अरब ने अपने आर्थिक, सामरिक, रक्षा और राजनीतिक रिश्तों को एक नया आयाम देते हुए रविवार देर रात रियाद घोषणा पत्र जारी किया। दोनों देशों ने आतंकवाद खत्म करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई और साथ ही प्रत्यर्पण संधि पर भी हस्ताक्षर किए।
अल रवाद पैलेस में आयोजित एक समारोह में भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और यहां के शाह अब्दुल्लाह बिन अब्दुल अजीज ने दोनों देशों के बीच सामरिक और द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के मकसद से 'रियाद घोषणा पत्र-सामरिक भागीदारी का एक नया युग' पर हस्ताक्षर किए।
इस घोषणा पत्र में कहा गया है, "दोनों नेताओं ने वर्ष 2006 में हुए ऐतिहासिक दिल्ली घोषणा पत्र के क्रियान्वयन की समीक्षा की और इसके बाद दोनों देशों के रिश्तों में आए विस्तार पर संतुष्टि जाहिर की गई।"
इसके मुताबिक, "दोनों नेताओं ने मंत्री, आधिकारिक, व्यापारिक, शैक्षणिक और अन्य स्तरों पर वार्ताओं के जरिए दिल्ली घोषणा पत्र पर पूरी तरह क्रियान्वयन पर जोर दिया।"
उल्लेखनीय है कि शाह अजीज के वर्ष 2006 में हुए भारत दौरे पर दिल्ली घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर हुआ था।
ताजा घोषणा पत्र के मुताबिक, "दोनों नेताओं ने सूचना-तकनीक, अंतरिक्ष विज्ञान और आधुनिक तकनीकों जैसे ज्ञान आधारित आर्थिक विकास को मजबूती देने पर जोर दिया।"
दोनों नेताओं ने आतंकवाद खत्म करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी जाहिर की। दोनों ने स्वीकार किया कि आतंकवाद से वैश्विक खतरा है।
घोषणा पत्र के मुताबिक, "आतंकवादी गतिविधियों, काले धन, नशीले पदार्थो, हथियार और मानव तस्करी से संबंधित सूचनाओं के आदान-प्रदान पर दोनों देशों ने सहमति जताई।"
मनमोहन सिंह और शाह अब्दुल्लाह ने अफगानिस्तान की स्वतंत्रता व उसकी सार्वभौमिकता को बचाए रखने के प्रति भी अपनी-अपनी प्रतिबद्धता जताई।
भारत और सऊदी अरब के बीच रविवार रात हुए समझौतों में प्रत्यर्पण संधि भी शामिल है।
भारतीय विदेश मंत्रालय में सचिव लाथा रेड्डी ने पत्रकारों से चर्चा में कहा, "दोनों देशों के बीच मनमोहन सिंह और शाह अब्दुल्लाह की उपस्थिति में पांच समझौतों पर हस्ताक्षर हुए।"
उन्होंने कहा, "पहला समझौता प्रत्यर्पण संधि पर हुआ। इस समझौते से दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग बढ़ेगा और दोनों देश वांछित अपराधियों का प्रत्यर्पण कर सकेंगे।"
रेड्डी ने कहा, "प्रत्यर्पण संधि अंतर्राष्ट्रीय कानून के मानकों पर तय होती हैं।"
उनके मुताबिक दूसरा समझौता कैदियों के आदान-प्रदान पर हुआ।
उन्होंने कहा, "इससे सजायाफ्ता कैदियों को राहत मिलेगी। हम उम्मीद करते हैं कि इस समझौते से सऊदी अरब में सजा पाए कैदियों की भारत वापसी हो सकेगी, जहां उन्हें शेष बची सजा दी जाएगी।"
तीसरा समझौता दोनों देशों के सांस्कृतिक सहयोग पर जबकि चौथा समझौता बा' अंतरिक्ष के इस्तेमाल के शांतिपूर्ण उपयोग पर आधारित है।
एक समझौता टाटा मोटर्स और सऊदी अरब के होतिल के बीच आठ करोड़ डॉलर का हुआ। इसके तहत टाटा मोटर्स स्कूल बसों की आपूर्ति करेगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।