चिली में भूकंप से मरने वालों की संख्या 711 हुई (लीड-2)
समाचार एजेंसी 'डीपीए' के अनुसार, चिली के दूसरे सबसे बड़े शहर कांसेप्सियन की गलियों में रविवार रात सन्नाटा पसरा रहा क्योंकि लुटेरों के आतंक की वजह से यहां रात नौ बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लगा दिया गया था।
अमेरिकी भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) के अनुसार, "शनिवार तड़के आए भूकंप के बाद से क्षेत्र में अब तक करीब 90 झटके महसूस किए जा चुके हैं जिसमें समुद्र तट से दूर 6.9 की तीव्रता का भूकंप भी शामिल है।"
भूकंप और सुनामी की त्रासदी के बाद जारी राहत कार्यो के दौरान ध्वस्त इमारतों के मलबों से कई और शव निकाले गए, जिससे यहां मरने वालों की संख्या 711 तक पहुंच गई। इस बीच, सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में 30 दिनों का आपातकाल घोषित कर दिया गया है।
एक स्थानीय नागरिक ने बताया कि सरकार ने अगर मकान बनाने संबंधी नियमों का कड़ा न बनाया होता तो मृतकों की संख्या और भी ज्यादा होती।
राष्ट्रपति मिशेल बचेलेट ने रविवार को ताजा आंकड़े जारी करते हुए सबसे ज्यादा प्रभावित पश्चिमी तट से लगे माउले और बायोबियो क्षेत्र में 30 दिन का आपातकाल घोषित कर दिया।
समाचार एजेंसी 'डीपीए' के अनुसार, इस भूकंप से सबसे ज्यादा प्रभावित देश के दक्षिणी हिस्से में अराजकता का माहौल है क्योंकि यहां लुटेरों ने आतंक मचाना शुरू कर दिया है और लोगों की शिकायत है कि सरकार उनकी सहायता के लिए ठोस प्रयास नहीं कर रही है।
रक्षा मंत्री फ्रांसिस्को विदाल ने भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा के लिए 10,000 सैनिकों को भेजने की घोषणा की है।
राष्ट्रपति ने कहा, "हम ऐसी तबाही झेल रही है जिसकी हमने कभी कल्पना नहीं की थी।"
बैचलेट ने पहली बार विदेशी सहायता की भी मांग की है। इससे पहले, उन्होंने कहा था कि उनका देश अपनी मदद खुद करने में समर्थ है।
यूरोपीय संघ (ईयू), अमेरिका और अन्य पड़ोसी देशों ने सहायता देने की पेशकश भी की है।
उल्लेखनीय है कि चिली में शनिवार तड़के शक्तिशाली भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 8.8 मापी गई थी। इस त्रासदी में मरने वालों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।