अमेरिका के प्रति मुसलमानों का नजरिया बदलने की कवायद
प्रवासी भारतीय रशद हुसैन को ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कांफ्रेंस का नया दूत चुना गया है। वह कुरान के जानकार होने के साथ-साथ बास्केटबॉल के प्रशंसक भी हैं।
हुसैन कहते हैं कि मौजूदा समय में अमेरिका दो मुस्लिम राष्ट्रों के खिलाफ लड़ाई छेड़े हुए है। ऐसे में मुस्लिमों का दृष्टिकोण बदलने में समय लगेगा।
समाचार पत्र 'वाशिंगटन पोस्ट' से हुसैन ने कहा, "मुस्लिमों के साथ संवाद कायम करना अभी भी चुनौती बनी हुई है और यह एक दीर्घ-कालिक प्रक्रिया है।"
हुसैन के पिता एक खदान इंजीनियर थे, जो 1960 में बिहार से यहां आए थे।
वर्ष 2008 के चुनाव के बाद हुसैन की नियुक्ति व्हाइट हाउस के वकील कार्यालय में हुई थी, जहां उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा और मीडिया से जुड़े मुद्दों पर काम किया।
कतर के दोहा में 13 फरवरी को अमेरिकी-इस्लामिक वर्ल्ड फोरम के दौरान ओबामा ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हुसैन की नियुक्ति की घोषणा की थी। इसके बाद हुसैन मध्य पूर्व देशों की यात्रा की।
उन्होंने कहा कि मुस्लिम देशों की बीच स्वास्थ्य, शिक्षा और विज्ञान के कार्यक्रमों के माध्यम से अमेरिकी दृष्टिकोण पर वह जोर देंगे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।