उच्च विकास दर और समग्र विकास हासिल करना मुख्य चुनौती : प्रणब
उन्होंने कहा, "एक साल पहले की तुलना में अर्थव्यवस्था बेहतर स्थिति में है। इसके बावजूद चुनौतियां बरकरार हैं। जल्द ही हम नौ फीसदी की विकास दर को वापस हासिल कर लेंगे इसके बाद दहाई के आंकड़े को पार कर जाएंगे। इसके अलावा हमारे सामने समग्र विकास को हासिल करना भी एक बड़ी चुनौती है। साथ ही हमें सरकारी प्रणाली में व्याप्त समस्याओं से भी निपटना होगा।"
मुखर्जी द्वारा गुरुवार को संसद में रखी गई सालाना आर्थिक समीक्षा के मुताबिक वर्ष 2010-11 में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 8.25 से 8.75 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान है। वर्ष 2011-12 में इसके नौ फीसदी को पार कर जाने की उम्मीद है।
वर्ष 2009-10 के दौरान राजकोषीय घाटा 6.8 फीसदी तक पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 6.2 फीसदी था। राजकोषीय घाटे के इस स्तर तक पहुंचने के पीछे प्रमुख कारण दिसंबर 2008 और जनवरी 2009 के दौरान दिए गए 186 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज को माना जा रहा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।