मस्जिदों में सूअरों के सिर मिले

मलेशिया की राजधानी क्वालालंपुर की दो मस्जिदों में सूअरों के कई कटे हुए सर पाए गए हैं. देश के पुलिस प्रमुख मूसा हसन ने इस घटना को हाल के दिनों में धार्मिक स्थलों पर हुए हमलों से जोड़कर देखा है. मुसलमान सू्अरों को अपवित्र मानते हैं और इस तरह की घटना से वहां चल रहे तनाव के और भड़कने की आशंका है.
मलेशिया की एक अदालत ने फ़ैसला सुनाया था जिसमें उन्होंने ग़ैर-मुसलमानों को भी अल्लाह शब्द के इस्तेमाल की इजाज़त दी थी. इसके बाद से 11 गिरजाघरों, एक सिख गुरद्वारा और कुछ मस्जिदों पर भी हमले हुए हैं.
ये फ़ैसला एक रोमन कैथोलिक अख़बार की अपील पर दिया गया था जिसमें अख़बार ने अपने मलय संस्करण में ईसाई ईश्वर के लिए अल्लाह शब्द के इस्तेमाल की अनुमति मांगी थी. मलेशिया की आधी से ज़्यादा आबादी मुसलमानों की है, साथ ही वहां चीनी और भारतीय समुदाय के लोग भी हैं जो ईसाई, बौद्ध या हिंदू धर्म को मानते हैं.
ईसाई गुटों का कहना है कि वो कई दशकों से भगवान के लिए अल्लाह शब्द का इस्तेमाल करते रहे हैं. लेकिन सरकार ने ग़ैर-मुसलमानों के लिए लिखित रूप में अल्लाह शब्द के इस्तेमाल पर ये कहकर पाबंदी लगा दी थी कि इससे मुसलमानों में असमंजस की स्थिति पैदा हो सकती है और इससे सामाजिक तनाव बढ़ सकता है.
क्वालालंपुर से बीबीसी संवाददाता जेनिफ़र पाक का कहना है कि इस पाबंदी के पीछे डर है कि ईसाई मुसलमानों का धर्म परिवर्तन करने की कोशिश कर रहे हैं और मलेशिया में ये ग़ैरक़ानूनी है. मलेशिया पुलिस ने देश में सुरक्षा बढ़ा दी है और तनाव भड़काने के ख़िलाफ़ चेतावनी जारी की है.
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