फिर उबल उठा तेलंगाना (राउंडअप)
तेलंगाना मुद्दे पर पिछले दो दिनों में दो छात्र सहित तीन लोग आत्महत्या कर चुके हैं। इससे पहले हैदराबाद के उस्मानिया विश्वविद्यालय के एमसीए के छात्र के.वेणुगोपाल रेड्डी ने सोमवार को आत्मदाह कर लिया था।
मंगलवार देर रात सुवर्णम्मा नामक बी. एस. सी. के अंतिम वर्ष के छात्र ने महबूबनगर जिले में आत्महत्या कर ली जबकि अनिल कुमार नामक एक छात्र ने बुधवार को नलगोंडा जिले में आत्महत्या की। वारंगल में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के एक कार्यकर्ता ने आत्महत्या की।
रेड्डी द्वारा आत्मदाह किए जाने के बाद छात्रों की संयुक्त कार्रवाई समिति ने बुधवार को तेलंगाना क्षेत्र में 48 घंटे के बंद का आह्वान किया था जिसका कि क्षेत्र के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने समर्थन किया था।
बंद से हैदराबाद और तेलंगाना क्षेत्र के नौ जिलों में जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। राज्य परिवहन की बसों को नहीं चलने दिया गया, वहीं दुकानों, पेट्रोल पंपों, सिनमा हॉलों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखा गया।
इस आंदोलन का केंद्र बने उस्मानिया विश्वविद्यालय के परिसर में लगातार दूसरे दिन भी तनाव की स्थिति बनी रही। यहां छात्र वेणुगोपाल के शव को रखकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
छात्रों के विरोध प्रदर्शन के हिंसक होने के बाद पुलिस ने रेड्डी का शव अपने नियंत्रण में ले लिया और विरोध प्रदर्शन कर रहे तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया।
रेड्डी की शव यात्रा के दौरान हुई झड़पों में कम से कम एक दर्जन छात्र और पांच पुलिसकर्मी जख्मी हो गए हैं।
हैदराबाद के पुलिस आयुक्त बी. प्रसाद राव ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि स्थिति फिलहाल नियंत्रण में हैं। "हमें छात्रों पर लाठियां भांजनी पड़ी और आंसू गैस के गोल छोड़ने पड़े।"
विश्वविद्यालय परिसर उस समय युद्ध के मैदान में तब्दील हो गया था जब पुलिस ने हवा में गोलियां चलाईं और पत्थर फेंक रहे छात्रों को तितर-बितर करने के लिए उन पर आंसू गैस के गोल छोड़े और लाठियां चलाईं।
जब छात्र वेणुगोपाल के शव के साथ शहर के केंद्र की ओर बढ़ रहे थे और पुलिस व अर्धसैनिक बलों ने उन्हें रोकने की कोशिश की तभी उनके बीच झड़पें शुरू हो गईं।
पुलिस ने लेडीज हॉस्टल परिसर के नजदीक छात्रों के जुलूस को रोका। छात्र राज्य विधानसभा भवन के नजदीक शहीद स्मारक के पास शव ले जाने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने वेणुगोपाल रेड्डी का शव अपने कब्जे में कर लिया और अंतिम संस्कार के लिए उसे गृह नगर नलगोंडा भेज दिया।
छात्रों की संयुक्त कार्यवाही समिति (जेएसी) ने विश्वविद्यालय परिसर में मंगलवार को पूरी रात छात्र का शव रखा था और इस शव को एक जुलूस के साथ नलगोंडा जिला ले जाने की योजना बनाई थी।
पुलिस ने इस बीच टीआरएस विधायकों हरीश राव, ई. राजेंद्र और तारक रामा राव को भी गिरफ्तार किया।
हरीश राव ने हिंसा भड़कने के लिए पुलिस को दोषी बताया है। उनका कहना है कि छात्र शांतिपूर्वक ढंग से शव को स्मारक तक ले जाना चाहते थे ताकि लोग रेड्डी के प्रति अंतिम बार सम्मान व्यक्त कर सकें।
सत्तारूढ़ कांग्रेसी विधायक आर. दामोदर रेड्डी ने भी हिंसा के लिए पुलिस को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि पुलिस को शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को भड़काना नहीं चाहिए नहीं तो परिणामों की जिम्मेदारी सरकार की होगी।
इस बीच क्षेत्र के विधायकों व मंत्रियों पर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ गया है। जेएसी ने सभी विधायकों व मंत्रियों को अल्टीमेटम दिया है कि वे वेणुगोपाल रेड्डी के अंतिम संस्कार होने से पहले अपना इस्तीफा सौंप दें।
छात्रों की जेएसी के एक नेता ने कहा, "जिसने भी अभी तक इस्तीफा नहीं दिया है वे तेलंगाना के लिए राष्ट्रद्रोही हैं। हम उन्हें क्षेत्र में घूमने नहीं देंगे।" क्षेत्र के 13 विधायकों व मंत्रियों ने अपने इस्तीफे नहीं दिए हैं। छात्रों की इस मांग का राजनीतिक जेएसी ने भी समर्थन किया है।
छात्रों ने इस्तीफा न देने वाले विधायकों व मंत्रियों के घरों पर हमला भी बोला। पूर्व मंत्री व विधायक कोंडा सुरेखा और राज्यमंत्री पी. लक्ष्मैया सहित अन्य विधायकों को छात्रों ने निशाना बनाया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।