अदालत के आदेश के बाद रैन बसेरों पर हरकत में आई दिल्ली सरकार
दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर आईएएनएस को बताया, "मुख्य सचिव राकेश मेहता ने नगरायुक्त के.एस. मेहरा और विभाग के शीर्ष अधिकारियों के साथ एक आपात बैठक की। बैठक में दिल्ली के बेघर लोगों को रैन बसेरा मुहैया कराने के लिए एक आपात कार्ययोजना पर चर्चा की गई।"
ज्ञात हो कि सर्वोच्च न्यायालय ने जारी शीत लहर में बेघर लोगों की कठिनाइयों को संज्ञान में लेते हुए बुधवार की सुबह दिल्ली सरकार को आदेश दिया कि वह राजधानी के सभी बेघर लोगों को शाम तक रैन बसेरा उपलब्ध कराए।
अदालत ने सरकार को यह भी आदेश दिया कि वह 4.30 बजे तक बैठक आयोजित कर यह तय करे कि आदेश को अमल में कैसे लाया जाएगा। इस फरमान ने शीर्ष अधिकारियों को परेशानी में डाल दिया।
यह आदेश दिल्ली सरकार को काफी परेशान करने वाला है। सरकार फिलहाल 54 रैन बसेरे संचालित करती है। लेकिन उनकी कुल क्षमता राजधानी के कोई 150,000 बेघर लोगों के एक छोटे हिस्से को भी शरण दे पाने के लिए नाकाफी है।
गैर सरकारी संगठन आश्रय अधिकार अभियान (एएए) की परमजीत कौर ने आईएएनएस से कहा, "सभी बेघर लोगों को शाम तक रैन बसेरा उपलब्ध कराने का लक्ष्य अस्वाभाविक और असंभव है। लेकिन यह आदेश अधिकारियों पर तेजी के साथ काम करने का दबाव अवश्य बनाएगा।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।