तेलंगाना: उग्र आंदोलन, सड़कों पर उतरे लोग
तेलंगाना क्षेत्र में सभी राजनीतिक दलों और तेलंगाना समर्थक समूहों ने प्रदर्शनों में हिस्सा लिया। इस दौरान सड़क जाम कर रैलियां निकाली गईं, मानव श्रृंखला बनाई गई, सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए और बैठकें हुईं।
छात्रों का जुलूस
उस्मानिया विश्वविद्यालय के छात्रों ने पुलिस थाने तक जुलूस निकाला और अपने नेताओं को रिहा करने की मांग की। पुलिस को इन छात्रों पर काबू पाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। क्षेत्र के कमोबेश सभी विश्वविद्यालयों में भूख हड़ताल कर रहे छात्रों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं। वारंगल में काकतिया विश्वविद्यालय में भी ऐसी घटनाएं हुईं।
उधर, सरकार को उच्च न्यायालय के फैसले से झटका लगा है। सरकार ने प्रदर्शनों को देखते हुए सभी विश्वविद्यालयों के छात्रावासों और भोजनालय को बंद करने का आदेश दिया जिसे उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया है।
संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) के छात्रों की 3 जनवरी को प्रस्तावित 'चलो हैदराबाद' रैली को विफल करने के लिए पुलिस गश्त बढ़ाने के बावजूद मंगलवार को विरोध प्रदर्शन को अंजाम दिया गया।
शहर में निषेधाज्ञा
पुलिस ने विरोध प्रदर्शन और रैलियों की अनुमति नहीं दी और शहर में निषेधाज्ञा लागू कर दी है। हैदराबाद के सभी इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है और बड़ी संख्या में पुलिस व अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात कर दिया गया है।
हाल ही में फिल्म शूटिंग स्थलों पर हुए हमलों के देखते हुए सभी पॉश इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। हैदराबाद के पुलिस आयुक्त बी.प्रसाद राव ने कहा कि शहर में पुलिस के 112 अतिरिक्त प्लाटून तैनात किए गए हैं।
राव ने कहा कि शहर में धारा 144 लागू कर दी गई है और यह एक हफ्ते तक जारी रहेगी। निषेधाज्ञा तेलंगाना समर्थकों के प्रस्तावित बंद और संयुक्त कार्रवाई समिति के 'हैदराबाद चलो' के मद्देनजर लागू की गई है।
राव ने कहा कि हैदराबाद में किसी भी प्रकार की रैली आयोजित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि बंद के दौरान हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
तेलंगाना नेताओं ने तिवारी के आरोप को खारिज किया :
आंध्र प्रदेश के पूर्व राज्यपाल एन.डी. तिवारी के आरोप की तेलंगाना क्षेत्र की सभी पार्टियों के नेताओं ने निंदा की है। तिवारी का आरोप था कि तेलंगाना राज्य की मांग करने वाले नेताओं ने उन्हें सेक्स स्कैंडल में फंसाया है।
कांग्रेस, तेलगु देशम पार्टी (तेदेपा) और तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के नेताओं ने तिवारी के आरोप को राजनीतिक षड्यंत्र बताते हुए खारिज कर दिया ।
एक तेलगु चैनल द्वारा विडियो में तिवारी जैसे व्यक्ति को राजभवन में तीन महिलाओं के साथ आपत्तिजनक स्थिति में दिखाए जाने के बाद शनिवार को तिवारी ने इस्तीफा दे दिया था। तिवारी ने सोमवार को तेलंगाना राज्य आंदोलन से जुड़े नेताओं पर षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।