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गोरखालैंड की मांग को लेकर बैठक: पिल्लई

By Staff
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Gorkhaland Map
दार्जिलिंग। केंद्रीय गृह सचिव जी.के.पिल्लई ने कहा कि सोमवार को यहां अलग गोरखालैंड की मांग के मुद्दे पर हुई बैठक में अलग राज्य के मसले पर आम सहमति नहीं बनी लेकिन इस समस्या के समाधान को लेकर चर्चा हुई।

गोरखालैंड की मांग के मुद्दे पर यहां केंद्र सरकार, गोरखालैंड जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) और पश्चिम बंगाल सरकार के प्रतिनिधियों के बीच स्थानीय मेफेयर होटल में सुबह 11 बजे बैठक की शुरुआत हुई।

बैठक में केंद्रीय दल का नेतृत्व पिल्लई और छह सदस्यीय राज्य सरकार के दल का नेतृत्व मुख्य सचिव अशोक मोहन चक्रवर्ती ने किया। तीन घंटे तक चली बैठक के बाद पिल्लई ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।

पिल्लई ने कहा, "हमने गोरखा जनमुक्ति मोर्चा और राज्य सरकार के प्रतिनिधियों से पृथक गोरखालैंड और अन्य मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की।" उन्होंने कहा कि जीजेएम प्रतिनिधियों ने कहा कि वे इस मुद्दे पर राजनीतिक स्तर पर चर्चा करना चाहते हैं।

जीजेएम के साथ बैठक

पिल्लई ने कहा, "केंद्र और राज्य सरकार के प्रतिनिधि 45 दिनों के भीतर एक-दूसरे को अपना अनुरोध सौंपेंगे और जीजेएम के साथ बैठक करेंगे।"

बैठक में जीजेएम के 16 सदस्यीय दल का नेतृत्व पार्टी महासचिव रोशन गिरी ने किया। बैठक में केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त वार्ताकार लेफ्टिनेंट जनरल विजय मदान भी उपस्थित थे।

बैठक के मद्देनजर पूरे शहर में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी। जहां जीजेएम पृथक गोरखालैंड की मांग कर रहा है वहीं एक अन्य संगठन 'आमरा बंगाली, बांग्ला भाषा ओ भाषा बचाओ समिति' इसका विरोध कर रही है।

सिलिगुड़ी के मैदानी इलाके में इस सगंठन के सदस्य रविवार से अनशन पर हैं। केंद्र सरकार ने वर्ष 2005 में छठी अनुसूची के तहत क्षेत्र में प्रशासनिक स्तर पर व्यापक स्वायत्तता के लिए गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट के नेतृत्व में दार्जीलिंग गोरखा हिल काउंसिल (डीजीएचसी) को मंजूरी दी थी।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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