अनशन पर बैठे कांग्रेसी सांसद लापता, तलाश जारी (लीड-2)
पुलिस उनकी खोज के लिए कई शहरों में सघन अभियान चला रही है। पुलिस महानिदेशक आर.आर.गिरीश कुमार ने कर्तव्य में लापरवाही के लिए पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। विजयवाड़ा के पुलिस आयुक्त की रिपोर्ट मिलने के बाद राज्य पुलिस प्रमुख ने एक सहायक पुलिस आयुक्त, दो इंस्पेक्टरों और सब इंस्पेक्टरों को निलंबित किया।
विजयवाड़ा के एक अस्पताल से नाटकीय तरीके से लापता होने वाले अनशनरत कांग्रेस सांसद एल.राजगोपाल को तलाशने के लिए आंध्र प्रदेश पुलिस ने सोमवार को कई जिलों में सघन तलाशी अभियान आरंभ किया।
आंध्र प्रदेश की गृहमंत्री पी.सबिता इंद्रा रेड्डी ने कहा कि सांसद का अभी तक कोई पता नहीं चला है। घटना को देखते हुए मुख्यमंत्री के.रोसैया ने एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है।
विजयवाड़ा के सांसद रविवार रात सरकारी अस्पताल के आसपास तैनात 200 पुलिसकर्मियों को चकमा देकर गायब हो गए। आंध्र प्रदेश के प्रस्तावित विभाजन के विरोध में वह पिछले छह दिनों से अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं।
सांसद के लापता होने के 12 घंटे बाद राज्य सरकार ने एनआईएमएस में भर्ती कराए जाने की उनकी मांग को स्वीकार कर लिया है। इससे पहले राज्य सरकार ने एनआईएमएस में स्थानांतरित किए जाने की राजगोपाल की मांग को ठुकरा दिया था।
पुलिस पूरे विजयवाड़ा तथा समीप के इलाकों और विशाखापट्टनम, हैदराबाद और अन्य शहरों को जाने वाली सड़कों पर सांसद की तलाश कर रही है। हैदराबाद पहुंचकर सांसद के नाटकीय विरोध दर्ज कराने की आशंका के कारण हैदराबाद रोड पर सघन तलाशी हो रही है।
राजगोपाल को पुलिस ने अनशन शिविर से गिरफ्तार कर शनिवार को अस्पताल में भर्ती कराया था।
पुलिस ने बताया कि अस्पताल के कर्मचारियों ने उनको एक निजी अस्पताल में भर्ती कराने के प्रबंध किए थे। सांसद अपने एक मित्र के साथ बाहर आए और लापता हो गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सांसद अपने एक मित्र और चालक के साथ हाथ में राष्ट्रध्वज लिए रात 10.10 बजे बाहर आए और वहां तैनात पुलिसकर्मियों के कुछ समझने से पहले ही एक क्वालिस में बैठकर तेजी से निकल गए। सांसद के समर्थकों के चार अन्य वाहन भी क्वालिस के पीछे गए लेकिन पुलिस के हरकत में आने से पहले ही ओझल हो गए।
पिछले छह दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे सांसद केंद्र सरकार द्वारा पृथक तेलंगाना राज्य की घोषणा वापस नहीं लेने से नाराज हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।