सर्वोच्च न्यायालय ने माया से पूछा, क्यों नहीं आपकी जमीन का अधिग्रहण हुआ
नई दिल्ली, 16 नवंबर (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती से पूछा है कि बादलपुर गांव में अन्य लोगों की भूमि के साथ उनके भूखंड का अधिग्रहण क्यों नहीं किया गया। न्यायालय ने गांव के एक निवासी की याचिका पर यह कदम उठाया है।
न्यायाधीश एच. एस. बेदी और जे.एम.पांचाल की खंडपीठ ने मायावती को मुख्यमंत्री नहीं वरन व्यक्तिगत हैसियत से जवाब देने के लिए नोटिस भेजा है। न्यायालय ने इस महीने के आरंभ में मायावती के पिता प्रभु दयाल और आनंद को भी नोटिस भेजा था।
गौतमबुद्ध नगर जिले के बादलपुर गांव के निवासी खजान सिंह की याचिका पर राज्य सरकार, गौतमबद्ध नगर के जिलाधिकारी और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण को भी नोटिस भेजा गया है, जिन्होंने जून 2007 में सिंह के भूखंड का अधिग्रहण करने के लिए अधिसूचना जारी की थी।
इससे पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सितम्बर 2009 में अधिग्रहण के खिलाफ सिंह की याचिका को खारिज करके ग्रेटर नोएडा के विकास के लिए सरकार द्वारा भूमि के अधिग्रहण को सही ठहराया था।
अपनी याचिका में सिंह ने आरोप लगाया है कि सरकार ने उनके 7,000 वर्गमीटर के भूखंड का अधिग्रहण कर लिया, जबकि मायावती के 39,369 वर्गमीटर के भूखंड को छोड़ दिया गया, जहां वह एक बंगला बनवा रही हैं।
राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय को बताया था कि मुख्यमंत्री के भूखंड को इसलिए छोड़ दिया गया क्योंकि वह आवासीय उपयोग के लिए था। सिंह के वकील अशोक माथुर ने भी दावा किया कि सिंह का भूखंड भी आवासीय उपयोग के लिए है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।