माथेरान पर्वतीय रेल लाइन का निरीक्षण करेगा यूनेस्को दल
इस दौरान दल के सदस्य दिल्ली में रेल मंत्रालय के अधिकारियों तथा मुम्बई में केन्द्रीय रेलवे तथा महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। वे एमएलआर से जुड़े दस्तावेजों, अभिलेखों, तस्वीरों तथा ²श्य-श्रव्य सामग्रियों को देखने राष्ट्रीय रेल संग्रहालय, नई दिल्ली भी जाएंगे। यूनेस्को दल स्टीम इंजन चालित माथेरान हल्की ट्रेन, इस रेल लाइन के स्टेशनों, शेड्स आदि का मुआयना करेगा।
माथेरान देश में सबसे छोटा पर्वतीय स्टेशन है और महाराष्ट्र में मुम्बई से करीब 110 किलोमीटर दूर पश्चिमी घाट पर समुद्र से 800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है । माथेरान पर्वतीय स्टेशन मुम्बई-पुणे मार्ग के मध्य में मैदानी क्षेत्र में स्थित नेराल स्टेशन से महज दो फीट चौड़ी अनोखी रेल लाइन से जुड़ा है।
मुम्बई के उद्योगपति सर एडमजी पीराई के बेटे अब्दुल हुसैन ने इस रेल लाइन का निर्माण कराया था। हुसैन को पहाड़ी स्थान बहुत पसंद था और उन्होंने 21 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन के निर्माण के लिए एक कंपनी बनाई थी। इस रेल लाइन का निर्माण कार्य 1904 में शुरू हुआ था और इस पर 1907 में ट्रेन सेवा प्रारंभ हुई। नेराल-माथेरान पर्वतीय रेल लाइन में 221 मोड़ हैं तथा एक छोटी-सी सुरंग भी है। यह अभियांत्रिकी कौशल का बेजोड़ नमूना है। यह रेल लाइन 720 मीटर की ऊंचाई पर चढ़ती है और यहां बहुत हल्की रेलगाड़ियां चलती हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।