जेल में भी मन रहा है सूर्य की आराधना का छठ पर्व
ऐसा नहीं कि जेल में बंद केवल बच्ची देवी ही सूर्य की उपासना में लगी हैं, बल्कि पटना के बेउर स्थित केन्द्रीय कारागार में ही 37 लोग छठ व्रत कर रहे हैं। इनमें 28 महिलाएं भी शामिल हैं।
जेल प्रशासन ने भी इन व्रतधारियों को पूरी सुविधा मुहैया कराई है। चार दिनों तक चलने वाले लोक आस्था के इस पर्व के तीसरे दिन रविवार को बच्ची ही नहीं बल्कि बेउर जेल में बंद शांति, पार्वती, धनेसरी, आशा समेत 28 महिलाओं ने उपवास रखा। सोमवार की सुबह भगवान भास्कर को अघ्र्य देकर वे अपना व्रत पूरा करेंगी।
बेउर जेल के अधीक्षक ओम प्रकाश गुप्ता बताते हैं कि पर्व के पहले दिन गुरुवार को 'नहाय-खाय ' के लिए भी जेल प्रशासन ने कद्दू, चने की दाल तथा चावल की व्यवस्था की थी। शुक्रवार को ' खरना' के मौके पर भी जेल प्रशासन द्वारा खीर बनाने के लिए आवश्यक तैयारी की गई थी। अघ्र्य के लिए भी आवश्यक पूजन सामग्री व्रतधारियों को मुहैया कराई गई है। इसके अलावा जेल में ही गंगाजल भी उपलब्ध कराया गया है।
एक कैदी के मुताबिक स्थानीय कैदी भी अपने घर से छठ पूजा के लिए पूजा सामग्री मंगवाकर अन्य व्रतधारियों को उपलब्ध करा रहे हैं। अघ्र्य देने के लिए जेल के अंदर के तालाब की पूरी सफाई की गई है।
जेल विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि ऐसा नहीं कि केवल बेउर जेल में ही बंदियों द्वारा छठ पर्व मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जो जानकारी मिली है उसके अनुसार राज्य के भागलपुर, गया, औरंगाबाद और मुजफ्फरपुर की जेलों में भी कैदियों द्वारा छठ पर्व मनाया जा रहा है। व्रतधारियों को जेल प्रशासन भी नियम के अनुसार मदद कर रहा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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