प्रधानमंत्री थाईलैंड पहुंचे, निगाहें जियाबाओ के साथ मुलाकात पर (लीड-2)

By Staff
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प्रधानमंत्री शनिवार को बैंकाक से 200 किलोमीटर दूर समुद्री तट पर बसे 'हुआ हिन' के एक रिसॉर्ट में आयोजित सातवें आसियान सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन आसियान की बैठक शनिवार को शुरू होगी। इसमें भारत और 10 अन्य देश शिरकत करेंगे। उधर, रविवार को पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन में आसियान देशों के साथ ही भारत एवं अन्य छह देश शिरकत करेंगे।

मनमोहन सिंह की चीनी प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ से द्विपक्षीय वार्ता शनिवार को संभावित है। हाल के दिनों में दोनों देशों के संबंधों में आई कड़वाहट के मद्देनजर सभी की निगाहें इस संभावित मुलाकात पर टिकी हुई है।

मनमोहन सिंह-वेन जियाबाओ की वार्ता को महत्वपूर्ण इसलिए माना जा रहा है कि सीमा विवाद को लेकर दोनों पक्षों के बीच जारी आरोपों-प्रत्यारोपों के बाद पहली बार दोनों देशों के नेताओं की यह बैठक होने वाली है।

चीन ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अरुणाचल प्रदेश यात्रा पर ऐतराज जताया था। तिब्बतियों के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा के भी नवंबर में प्रस्तावित अरुणाचल दौरे का विरोध पर वह विरोध प्रकट कर चुका है।

भारतीय अधिकारियों का कहना है कि दलाई लामा देश के किसी भी हिस्से की यात्रा करने के लिए स्वतंत्र हैं। भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चलाई जाने वाली परियोजनाओं में चीन के शामिल होने के फैसले पर भी कड़ा ऐतराज जताया है। भारत का कहना है कि चीन का ऐसी परियोजनाओं में शामिल होना देशों के देशों के संबंधों पर नकारात्मक असर डालेगा।

पूर्व एशिया से रिश्तों में प्रगाढ़ता लाएगा भारत :

इससे पहले थाईलैंड रवाना होने से पूर्व नई दिल्ली में जारी बयान में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पूर्व तथा दक्षिण पूर्व एशियाई देशों से विविध प्रकार के संबंधों में प्रगाढ़ता लाने की प्रतिबद्धता जाहिर की। प्रधानमंत्री का यह बयान हुआ हिन में भी जारी किया गया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वह व्यापक आर्थिक समाकलन, लोगों के बीच संपर्क, कृषि, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के मसले पर आसियान के सदस्य देशों से विचार-विमर्श करेंगे।

दोनों सम्मेलनों को महत्वपूर्ण करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "आसियान हमारी पूर्वोन्मुखी नीति के केंद्र में है। गत अगस्त महीने में हुए भारत-आसियान व्यापार समझौता, भारत-आसियान क्षेत्रीय व्यापार क्षेत्र में हमारे उद्देश्यों की दिशा में पहला कदम है।"

उन्होंने कहा कि भारत-आसियान व्यापार में अच्छी रफ्तार से वृद्धि हुई है। वर्ष 2008 में हमने 48 अरब डॉलर का व्यापार किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह आसियान देशों को नेताओं को इस बात से अवगत कराएंगे कि भारत ने सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों को बढ़ावा देने की दिशा में किस प्रकार की पहलें की हैं।

अगस्त में भारत और आसियान ने मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए थे और दोनों पक्ष सेवा एवं निवेश क्षेत्र में भी इसी तरह के समझौतों के इच्छुक हैं। गत रविवार को मनमोहन सिंह ने कहा था कि वह पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन के दौरान पांच क्षेत्रों-ऊर्जा, शिक्षा, वित्त, फ्लू और राष्ट्रीय आपदा शमन में सहयोग की समीक्षा करेंगे।

प्रधानमंत्री ने उम्मीद जाहिर की आसियान और अन्य पूर्व एशियाई देश बिहार के नालंदा विश्वविद्यालय को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट अंतर्राष्ट्रीय संस्था बनाने के प्रस्ताव का अनुमोदन करेंगे। प्रधानमंत्री रविवार को स्वदेश रवाना होंगे।

आसियान में ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, वियतनाम और थाईलैंड शामिल हैं जबकि चीन, भारत, जापान, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और दक्षिण कोरिया आसियान के वार्ता भागीदार हैं।

प्रधानमंत्री सातवें भारत-आसियान सम्मेलन के अतिरिक्त 16 देशों के चौथे पूर्व एशिया सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस अनौपचारिक समूह में आसियान के 10 देशों के अलावा चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, भारत, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड शामिल है।

आसियान में एआईसीएचआर का उद्घाटन :

हुआ हिन : दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के संगठन आसियान के सदस्य देशों के नेताओं ने शुक्रवार को यहां आयोजित शिखर सम्मेलन में आसियान अंतर-सरकारी मानवाधिकार आयोग (एआईसीएचआर) का उद्घाटन किया।

एआईसीएचआर के उद्घाटन के मौके पर नेताओं ने 'चा-एम हुआ हिन घोषणापत्र' जारी किया। इसमें आसियान की इस नई संस्था को पूर्ण समर्थन देने और क्षेत्र में मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराने की बात शामिल है।

नेताओं ने गठन के बाद पहले साल की गतिविधियों में सहयोग देने के लिए 200,000 डॉलर का एक कोष बनाने को लेकर भी प्रतिबद्धता जाहिर की। बाद में इसमें सदस्य देशों को वार्षिक योगदान देना होगा और बाहरी स्रोतों से भी धन जुटाना होगा। इसके गठन की तमाम औपचारिकताएं जुलाई में पूरी कर ली गई थीं।

एआईसीएचआर की प्रारंभिक बैठक शनिवार को होगी। इसमें नौ प्रतिनिधि होंगे और इसकी अध्यक्षता आसियान की अध्यक्षता संभालने वाला देश करेगा। आसियान के महासचिव सुरिन पित्सवान ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा था यह आयोग आसियान के सदस्य देशों को और करीब लाएगा।

लक्ष्यों के लिए स्पष्ट दृष्टि निर्धारित करे आसियान : वेज्जाजीवा

हुआ हिन : थाइलैंड के प्रधानमंत्री अभिसित वेज्जाजीवा ने शुक्रवार को दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के सदस्य देशों के नेताओं से वर्ष 2015 और इसके आगे के लक्ष्यों के बारे में एक स्पष्ट दृष्टि अपनाने का आह्वान किया।

15 देशों के आसियान शिखर सम्मेलन के उद्घाटन समारोह के मौके पर वेज्जाजीवा ने कहा कि आसियान को एक समुदाय मानने के बारे में काफी चर्चा हो चुकी है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम सामूहिक तौर पर इस बारे में एक स्पष्ट दृष्टि अपनाएं कि हम वर्ष 2015 और उसके बाद क्या हासिल करना चाहते हैं।

वेज्जाजीवा ने कहा आसियान के बारे में उनकी दृष्टि इसे एक समुदाय बनाने की है जो आसियान के समक्ष आने वाले खतरों और चुनौतियों से निर्णायक तौर पर और सही समय पर निपट सके।

इस शिखर बैठक का शीर्षक "संपर्क बढ़ाना, लोगों को सशक्त बनाना" है जो संपर्क को बेहतर बनाने के साथ आसियान के सभी लोगों की बेहतर बनाने को रेखांकित करता है।

आसियान में ब्रुनई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, वियतनाम और थाईलैंड शामिल हैं जबकि चीन, भारत, जापान, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और दक्षिण कोरिया आसियान के वार्ता भागीदार हैं।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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