पूर्वोन्मुखी नीति को नए स्तर पर ले जाने की उम्मीद : प्रधानमंत्री
दोनों सम्मेलनों को महत्वपूर्ण करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "आसियान हमारी पूर्वोन्मुखी नीति के हृदय में स्थान रखता है। गत अगस्त महीने में हुए भारत-आसियान माल व्यापार समझौते का नतीजा भारत-आसियान क्षेत्रीय व्यापार क्षेत्र में हमारे उद्देश्यों की दिशा में पहला कदम है।"
उन्होंने कहा कि भारत-आसियान व्यापार में अच्छे दर से वृद्धि हुई है। वर्ष 2008 में हमने 48 अरब डॉलर का व्यापार किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह आसियान देशों को नेताओं को इस बात से अवगत कराएंगे कि भारत ने सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों को बढ़ावा देने की दिशा में किस प्रकार की पहलें की है।
इस तीनदिवसीय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री की चीन के प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ से मुलाकात संभावित है।
प्रधानमंत्री शनिवार को बैंकाक से 200 किलोमीटर दूर समुद्री तट पर बसे 'हुआ हिन' के एक रिसॉर्ट में आयोजित सातवें आसियान सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
उल्लेखनीय है कि आसियान में इंडोनेशिया, मलेशिया, थाइलैंड, फिलीपींस, सिंगापुर, लाओस, कंबोडिया, वियतनाम, म्यांमार और ब्रुनेई शामिल हैं।
प्रधानमंत्री सातवें भारत-आसियान सम्मेलन के अतिरिक्त 16 देशों के चौथे पूर्व एशिया सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस अनौपचारिक समूह में आसियान के 10 देशों के अलावा चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, भारत, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड शामिल है।
इस सम्मेलन से इतर मनमोहन सिंह की चीनी प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ से द्विपक्षीय वार्ता संभावित है। हाल के दिनों में दोनों देशों के संबंधों में आई कड़वाहट के मद्देनजर सभी की निगाहें इस संभावित मुलाकात पर टिकी हुई है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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