भारत-रूस सैन्य तकनीकी सहयोग जारी रखेंगे (लीड-1)
इस बीच गोर्शकोव विमानवाहक पोत की कीमत को लेकर भारत और रूस के बीच बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। गुरुवार को घोषणा की गई कि दोनों देश विमानवाहक पोत की कीमत तय करने के लिए आगे भी बातचीत जारी रखेंगे।
एंटनी ने कहा कि भारत सरकार सभी क्षेत्रों में आपसी सम्बंधों को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्घ है। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच पहले सामान्य क्रेता-विक्रेता जैसे संबंध थे परन्तु अब वे व्यापक साझेदारी के रूप में विकसित हो गए हैं। एंटनी ने कहा कि रूस एकमात्र ऐसा देश है जिसके साथ हमारे द्विपक्षीय संबंध विकसित होते हुए बहुपक्षीय संबंधों के रूप में प्रगाढ़ हो गये हैं।
बैठक में विभिन्न द्विपक्षीय रक्षा सहयोग परियोजनाओं की मौजूदा स्थिति पर विचार-विमर्श किया गया। दो-दिवसीय बैठक के समापन पर एक करार पर हस्ताक्षर किए गए। दोनों पक्षों ने पहले से जारी सैन्य-तकनीकी सहयोग कार्यक्रम को और दस वर्ष बढ़ाकर 2011 से 2020 तक करने की प्रतिबद्घता दोहराई।
एंटनी और रूसी रक्षा मंत्री अनाटोलि सर्दयुकोव ने आशा व्यक्त की कि इससे संबंधित अंतर-सरकारी समझौते पर मास्को में उस समय हस्ताक्षर किए जाएंगे जब दिसम्बर में प्रधानमंत्री डॉ़ मनमोहन सिह रूस की यात्रा पर जाएंगे।
उम्मीद की जा रही थी कि रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी की दो दिवसीय रूस यात्रा के दौरान गोर्शकोव का मुद्दा सुलझ जाएगा। लेकिन एंटनी और रूसी रक्षा मंत्री अनाटोलि सर्दयुकोव के बीच बातचीत के बावजूद गतिरोध समाप्त नहीं पाया।
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, " दोनो पक्ष एडमिरल गोर्शकोव की खरीद को लेकर कीमत पर विचार विमर्श जारी रखने पर सहमत हुए हैं।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।