चीनी घुसपैठ को तूल देने पर मीडिया को चेताया (राउंडअप)

By Staff
Google Oneindia News

विदेश सचिव निरूपमा राव ने कहा कि अगले सप्ताह अमेरिका में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओं से मुलाकात की कोई योजना नहीं है।

राव ने कहा कि सीमा के सभी हिस्सों में घुसपैठ में कोई खास वृद्धि नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों का नेतृत्व एक-दूसरे के नियमित संपर्क में है।

राव ने यहां एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं को बताया, "पिट्सबर्ग में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान सिंह और चीनी प्रतिनिधिमंडल के बीच मुलाकात की कोई योजना नहीं है।"

राव ने कहा, "आम धारणा के विपरीत दशकों से सीमा पर स्थिति शांतिपूर्ण बनी हुई है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अभी कोई सर्वसम्मत या निर्धारित सीमा रेखा नहीं है। यह कोई नई प्रक्रिया नहीं है। यह वर्षो से जारी है।"

यह पूछे जाने पर कि विवादित सीमा पर घुसपैठों की रिपोर्टों को विदेश मंत्रालय क्या कमतर बताने का प्रयास कर रहा है? राव ने कहा, "वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलओसी) के सभी हिस्सों पर घुसपैठ की घटनाओं में कोई खास वृद्धि नहीं हुई है।"

राव ने कहा कि इस तरह के मुद्दों से निपटने के लिए सीमा पर तैनात जवानों की बैठक जैसे तंत्र स्थापित हैं और वे बेहतर तरीके से कार्य कर रहे हैं।

चीन में भारत की राजदूत रह चुकी राव ने कहा कि दोनों देशों का नेतृत्व महत्वपूर्ण मुद्दों पर नियमित संपर्क में है।

दूसरी ओर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एम.के.नारायणन और सेना प्रमुख जनरल दीपक कपूर ने शनिवार को मीडिया के होहल्ले के प्रति चेतावनी दी और कहा कि घुसपैठ में कोई वृद्धि नहीं हुई है।

कपूर ने यहां पत्रकारों से कहा, "घुसपैठ या सीमा उल्लंघन की घटनाओं में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। पिछले साल की तुलना में ऐसी घटनाओं की संख्या करीब-करीब समान है। इसमें चिंता की कोई बात नहीं है। मैं मीडिया से अपील करता हूं कि वह धर्य रखे और इसे ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर पेश न करे।"

नारायणन ने सीएनएन-आईबीएन चैनल के साथ एक साक्षात्कार में कहा, "पहली बात यह है कि मैं 1962 के किसी दोहराव के सवाल से साफ इंकार करना चाहूंगा। आज 2009 का भारत तब के 1962 के भारत जैसा नहीं है। मैं इस बात को बहुत साफ कर देना चाहता हूं।"

नारायणन ने कहा, "हम सजग हैं। मैं समझता हूं कि चूंकि हम सजग नहीं थे, इसलिए 1962 की घटना घटी थी। हमें ऐसी किसी स्थिति को उकसाना नहीं चाहिए, जिसे हम न चाहते हों। मैं नहीं समझता कि भारत को कोई भी व्यक्ति चीन के साथ कोई विवाद चाहता हो।"

हाल की मीडिया रिपोर्टों में कहा गया था कि दोनों देशों को अलग करने वाली वास्तविक नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ और चीनी सेना की ओर से गोलीबारी की घटनाओं में वृद्धि हुई है।

उल्लेखनीय है कि नई दिल्ली में अपने आवास पर इफ्तार पार्टी में शुक्रवार को प्रधानमंत्री ने पत्रकारों से कहा था कि सीमा से आ रही जानकारियों में चिंतित होने जैसी कोई बात नहीं है।

उन्होंने यह भी कहा था कि वह चीनी नेतृत्व के संपर्क में हैं।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X