चीन के साथ '1962' का दोहराव नहीं : नारायणन

By Staff
Google Oneindia News

समाचार चैनल सीएनएन-आईबीएन को दिए एक साक्षात्कार में नारायणन ने कहा, "पहली चीज मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि 1962 की घटना के दोहराव का सवाल ही पैदा नहीं होता। 2009 का भारत 1962 का भारत नहीं है। मैं इसे पूरी तरह स्पष्ट कर देना चाहता हूं।"

वर्ष 1960 में चीनी सेना भारतीय क्षेत्र में घुस गई थी और अंतत: दोनों देशों के बीच जंग की नौबत आ गई।

उन्होंने कहा, "घुसपैठ की संख्या के बारे में देखें तो मुश्किल से कोई वृद्धि नहीं हुई है। कभी-कभी घुसपैठ आम बात है और यह पहले भी होती रही है। मैं नहीं सोचता कि इसमें कुछ चिंता की बात है।"

उन्होंने कहा, "कोई यह कह सकता है कि छोटी या बड़ी घुसपैठ चिंता की बात हो सकती है लेकिन इसको देखें तो यह पहले भी होता रहा है। मैं नहीं सोचता कि ऐसा कोई कारण है जिससे कि हमें विशेष रूप से चिंतित होने की जरूरत है।"

नारायणन ने इसके लिए मीडिया पर आरोप लगाने से बचते हुए कहा, "मैं नहीं जानता कि इसकी इतनी ज्यादा रिपोर्टिग क्यों हो रही है।"

उन्होंने आगे कहा कि मीडिया में बढ़ा-चढ़ाकर चीजों को पेश करने से अनुचित घटना या दुर्घटना हो सकती है और इसके कारण पड़ोसी के सामने समस्या खड़ी हो सकती है।

उन्होंने कहा, "हम सजग हैं। मैं सोचता हूं कि वर्ष 1962 में जो कुछ हुआ उसको लेकर हम एक हद तक सजग हैं। हमें ऐसी स्थिति नहीं बनानी चाहिए, जिसे हम नहीं चाहते हैं। मैं नहीं सोचता कि देश का कोई आदमी चीन के साथ संघर्ष चाहता है।"

उन्होंने कहा, "मैं सोचता हूं कि यह चीन पर भी लागू होता है। दो देशों के बीच मुद्दे हैं। मैं नहीं सोचता कि इन सभी मुद्दों का हमारे पास जवाब है। लेकिन बातचीत का उद्देश्य यह पता करना है कि कहां विवाद है।"

सीमा विवाद के समाधान के लिए भारत और चीन के बीच 13 दौर की वार्ता हो चुकी है। लेकिन इसमें आंशिक प्रगति हुई है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X