आतंकवाद के शिकार लोगों के लिए गया में पिण्डदान
फल्गु नदी के देवघाट पर किए गए इस पिण्डदान कर्मकांड में सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया। एक स्वयंसेवी संस्था द्वारा आयोजित इस पिण्डदान से पहले आतंकी घटनाओं के शिकार कई लोगों के परिजनों से इसकी अनुमति भी ली गई थी।
दिल्ली से आये समाजसेवी अशोक रंधावा ने अपनी पत्नी गीता रंधावा के साथ मारे गए लोगों के लिए पिण्डदान किया। उन्होंने बताया कि 29 अक्टूबर 2005 को सरोजिनी नगर मार्केट में आतंकी हमले में करीब 50 लोगों की मौत हुई थी, वहीं 12 सितंबर 2008 को दिल्ली में ही हुए श्रृंखलाबद्घ बम विस्फोटों में कई लोगों की जानें गइर्ं थी। इसके अतिरिक्त 17 सितंबर 2008 को महरौली बम विस्फोट में तीन लोगों की मौत हुई थी।
रंधावा ने बताया कि पिण्डदान के पूर्व मारे गए कई लोगों के परिजनों से पिण्डदान करने की अनुमति ले ली गई थी। अनुमति मिलने के बाद ही गया में उनकी आत्माओं की शांति एवं उनकी मोक्ष प्राप्ति के लिए पूरे वैदिक रीति रिवाज के साथ पिण्डदान किया गया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।