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आंध्र प्रदेशः रोसैय्या बने रहेंगे मुख्यमंत्री

By Staff
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K Rosaiah
हैदराबाद/नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस.राजशेखर रेड्डी के निधन के बाद उनके बेटे जगनमोहन रेड्डी को मुख्यमंत्री बनाए जाने के लिए चलाए जा रहे अभियान पर अंकुश लगाते हुए पार्टी नेतृत्व ने सूबे की कमान फिलहाल वरिष्ठ पार्टी नेता और मौजूदा मुख्यमंत्री के. रोसैया के हाथ में बनाए रखने का ठोस संकेत दिया है।

इसी के तहत कार्यवाहक मुख्यमंत्री के.रोसैया के नेतृत्व वाली आंध्र प्रदेश मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों ने रविवार शाम फिर से शपथ ली। दूसरी ओर हैदराबाद में आयोजित एक श्रद्धांजलि सभा में जगनमोहन समर्थकों ने काफी हंगामा किया।

रोसैया के मंत्रिमंडल को दोबारा शपथ दिलाने के पीछे केंद्रीय नेतृत्व की मंशा साफ है। वह नहीं चाहती कि फिलहाल सूबे में किसी तरह का सत्ता विवाद खड़ा हो जिससे प्रशासनिक और राजनीतिक तौर पर अस्थिरता को बढ़ावा मिले। इसलिए शायद रौसैय्या ही राज्य की कमान संभालें। वहीं जगनमोहन ने समर्थकों से अपील की कि उन्हें अगले मुख्यमंत्री के लिए कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्णय का इंतजार करना चाहिए।

वीरप्पा मोइली से चर्चा

दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कानून मंत्री वीरप्पा मोइली ने आंध्र प्रदेश में पार्टी के मामलों पर चर्चा की। इस दौरान नेतृत्व को लेकर भी चर्चा की गई। राज्यपाल नारायण दत्त तिवारी ने राजभवन में आयोजित एक सादे समारोह में सभी 34 मंत्रियों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ लेने वालों में पूर्ववर्ती राजशेखर रेड्डी मंत्रिमंडल के सभी सदस्य शामिल हैं। तिवारी ने संविधान विशेषज्ञों से सलाह मशविरा करने के बाद मंत्रिपरिषद के सदस्यों को फिर से शपथ लेने की सलाह दी थी।

उल्लेखनीय है कि रोसैया ने राज्यपाल को खत लिखकर आग्रह किया था कि वह बगैर शपथ लिए ही मंत्रियों को काम करते रहने की अनुमति दें। लेकिन राज्यपाल ने रोसैया को पत्र लिखकर कहा कि सभी मंत्रियों को फिर से शपथ लेनी होगी। इससे पहले वाईआरएस के पुत्र जगनमोहन को मुख्यमंत्री बनाने के लिए दबाव बनाने के वास्ते शपथ लेने से इंकार कर रहे करीब एक दर्जन मंत्री वाईएसआर के पुराने मित्र और राज्यसभा सदस्य के.वी.पी.रामचंद्र राव के हस्तक्षेप के बाद नरम पड़ गए।

जगन मोहन की अपील

उधर जगन मोहन समर्थकों ने सोमवार को पार्टी की ओर से आयोजित एक श्रद्धांजलि सभा में पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष डी.श्रीनिवास को बोलने नहीं दिया और कार्यवाहक मुख्यमंत्री के.रोसैया की उपस्थिति में उन्हें आननफानन में बैठक को समेटने के लिए मजबूर कर दिया। इस घटना के बाद वाईएसआर के पुत्र जगनमोहन ने रविवार को कहा कि राज्य के नए मुख्यमंत्री का फैसला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगी। उन्होंने समर्थकों से धैर्य बनाए रखने की अपील की।

समर्थकों की भीड़ से बचाने के लिए सुरक्षाकमिर्यो को कार्यवाहक मुख्यमंत्री के.रोसैया, राज्य कांग्रेस प्रमुख डी. श्रीनिवास, केंद्रीय मंत्री एस. जयपाल रेड्डी और अन्य वरिष्ठ नेताओं को पार्टी मुख्यालय गांधी भवन के सभाकक्ष से बाहर ले जाना पड़ा। इस घटना के एक घंटे बाद कांग्रेस विधायक दल की ओर से रविवार को जारी किए गए चार पन्नों के एक बयान में जगनमोहन ने कहा, "दिवंगत वाईएसआर के अधूरे सपनों को पूरा करने की हम सभी की जिम्मेदारी है। हमें हिम्मत और साहस के साथ आगे बढ़ना होगा और शांतिपूर्ण तरीके से उन्हें श्रद्धांजलि देनी होगी।"

उन्होंने कहा, "वाईएसआर को श्रद्धांजलि देने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है कि समर्थक उनके विचारों को आगे बढ़ाएं और उनकी याद में आयोजित सभी कार्यक्रमों को पूरा होने दें।" पार्टी के आंध्र प्रदेश मामले की जिम्मेदारी देख रहीं पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और कानून मंत्री एम.वीरप्पा मोइली ने नई दिल्ली में मुलाकात की और राज्य के नेतृत्व को लेकर चर्चा की। सूत्रों के अनुसार केंद्रीय नेतृत्व इस बात को लेकर खिन्न है कि वाइएसआर के निधन के तीन दिन बाद ही जगनमोहन को मुख्यमंत्री बनाने की अभद्र तरीके से मांग की जाने लगी है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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